अगर आप आने वाले दिनों में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स स्कीम्स में कर सकते हैं। यहां आपको अच्छा खासा रिटर्न तो मिलेगा ही साथ भी इसमें आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित भी रहेगा। इस स्मॉल सेविंग स्कीम्स में सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) भी शामिल है। इस के जरिए आप अपने माता-पिता के नाम पर अकाउंट खोल सकते हैं। यह स्कीम मौजूदा समय में 7.4 फीसदी की ब्याज दर से लागू है। बता दें यह ब्याज दर 1 अप्रैल 2020 से लागू है।
स्मॉल सेविंग स्कीम्स में आप 1,000 रुपये के मल्टीपल में केवल एक डिपॉजिट भी कर सकते है। निवेश की अधिकतम राशि 15 लाख रुपये है। खास बात यह है की अकाउंट को उसे खोलने की तारीख से पांच साल बाद बंद किया जा सकता है। इसके लिए संबंधित पोस्ट ऑफिस पर पासबुक के साथ उपयुक्त ऐप्लीकेशन फॉर्म जमा कराना होगा। खाताधारक की मौत की स्थिति में, मौत की तारीख से, अकाउंट पर ब्याज पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट के रेट पर मिलेगा।
वहीं खाताधारक अकाउंट को मैच्योरिटी की तारीख से तीन साल की अवधि के लिए और बढ़ा सकता है. इसके लिए उसे संबंधित पोस्ट ऑफिस में उपयुक्त फॉर्म के साथ पासबुक जमा करनी होगी। अकाउंट को मैच्योरिटी के एक साल की अवधि के भीतर बढ़ाया जा सकता है। अवधि बढ़ाने के बाद अकाउंट पर मैच्योरिटी की तारीख पर लागू रेट पर ही ब्याज मिलता रहेगा। अगर जीवनसाथी ज्वॉइंट होल्डर या एकमात्र नॉमिनी है, तो अकाउंट को मैच्योरिटी तक जारी रखा जा सकता है।
आइए जानते है पूरी जानकारी….
ब्याज दर
पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में मौजूदा समय में 7.4 फीसदी की ब्याज दर है। यह ब्याज दर 1 अप्रैल 2020 से लागू है।
निवेश की राशि
डाकघर की इस छोटी बचत योजना में 1,000 रुपये के मल्टीपल में केवल एक डिपॉजिट किया जा सकता है। निवेश की अधिकतम राशि 15 लाख रुपये है।
कौन खोल सकता है अकाउंट?
• 60 साल से ज्यादा उम्र का कोई व्यक्तिरिटायर्ड सिविलियन कर्मचारी, जिसकी उम्र 55 साल से ज्यादा और 60 साल से कम है। शर्त यह है कि निवेश रिटायरमेंट बेनेफिट्स की रसीद के एक महीने के भीतर करना होगा।
• रिटायर्ड डिफेंस कर्मचारी, जिसकी उम्र 50 साल से ज्यादा और 60 साल से कम है। शर्त है कि निवेश रिटायरमेंट बेनेफिट्स की रसीद के एक महीने के भीतर करना होगा।
• अकाउंट को अकेले या केवल जीवनसाथी के साथ ज्वॉइंट अकाउंट के तौर पर खोला जा सकता है।
फायदा
पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में किए गए निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत छूट का फायदा मिलता है। इस सेक्शन में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की राशि पर डिडक्शन का क्लेम किया जा सकता है।