उत्तराखंड सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए है। इस समझौता ज्ञापन का लक्ष्य उत्पादन को सुविधाजनक बनाने और कृषि-निर्यात के लिए एक मूल्य श्रृंखला स्थापित करने के लिए सहयोग एवं आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करने के उद्देश्य से बासमती-चावल एवं बाजरा निर्यात विकास केंद्र की स्थापना करना है।
यह बागवानी, पशुधन और अन्य नए उन्नत उत्पादों के साथ-साथ जीबीपीयूएटी मुख्य रूप से उत्तराखंड के बासमती चावल, बाजरा, औषधीय उत्पादों, सुगंधित उत्पादों, बागवानी से संबंधित उत्पादों और पौष्टिक-औषधीय पौधों के अर्क, तेल, पाउडर से संबंधित अन्य पौधों जैसे उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
एपीडा के अध्यक्ष डॉ. एम. अंगमुथु और जीबीपीएयू के कुलपति डॉ. ए. के. शुक्ल की उपस्थिति में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एपीडा एनएबीएल से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं की स्थापना, क्षमता निर्माण, कृषि निर्यात के ढांचागत विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
इस समझौता ज्ञापन में एपीडा और जीबीपीयूएटी के बीच एक ऐसे सहयोग की परिकल्पना की गई है, जिसके तहत भारत से कृषि उत्पादों के निर्यात के विकास के लिए उनकी संबंधित विशेषज्ञता और उनके संसाधनों का उपयोग किया जाएगा। निर्यात को ध्यान में रखकर उत्पाद विशेष से संबंधित क्लस्टर के निर्माण के लिए, ये दोनों प्रतिष्ठित संस्थान संयुक्त रूप से गुणवत्तापूर्ण निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अग्रिम सतर्कता एवं कुशल व सटीक खेती से जुड़ी प्रौद्योगिकियों का विकास करेंगे।