गले में खराश से परेशान हो जल्दी खत्म हो जायेगा बस ये 5 घरेलू नुस्खे से – डॉक्टर कोरोना से बचने के लिए भी बोलता है ये उपाय

आज कल देश और दुनिया में कोरोना महामारी पूरी तरह फैल चुका है और दूसरी ओर मौसम ने लोगो को सर्दी खासी जैसे बीमारी से परेशान कर दिया है। 

गले में खराश या फिर गला खराब होने जैसी समस्याएं आम बात है। इनसे बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय आपकी मदद कर सकता हैं।कोरोना में भी गले में खराश होना आम बात है और मौसम में परिवर्तन होने पे भी गले में खराश जैसी  परेशानी हो जाती है ऐसे में हम सब घरेलू उपाय से गले में खराश को खत्म कर सकते है और ये डॉक्टर भी उपाय बताता है 

गुनगुने पानी में नमक डाल कर गरारे करना

गुनगुने पानी में थोड़ा-सा नमक डालकर फिर उससे गरारे करें। इससे आपके गले में मौजूद कीटाणुओं का सफाया होगा और जमे हुए कफ को बाहर आने में मदद मिलेगी। इसके बाद आपको काफी राहत मिलेगी।गर्म पानी का भाप लेना भी फायदेमंद होता है।

दूध में हल्दी मिलाकर पीएं 

दूध और हल्दी को मिलाकर पीने के फायदों के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा। सर्दी-जुकाम में आराम देने के साथ ही यह हमारी इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मददगार है। तभी तो इसे गोल्डन मिल्क भी कहा जाता है। दूध में हल्दी डालकर पीने से गले की खराश में भी आराम मिलता है। 

मुलेठी खाये 

गले से जुड़ी हर समस्या के लिए मुलेठी रामबाण हैं। इसका उपयोग गायक भी अपनी आवाज मधुर बनाने के लिए करते हैं।मुलेठी की छोटी-सी गाँठ को कुछ देर मुंह में रखकर चूसते रहे ।इसका रस आपके गले को आराम देगा। इससे गले की खराश दूर होती है, और दर्द तथा सूजन से राहत मिलती है।

हर्बल टी या काढ़ा पीए 

गले की खराश में हर्बल टी यानी आयुर्वेदिक चाय बहुत ही कारगर उपाय है। तुलसी, लौंग, काली मिर्च और अदरक वाली चाय का सेवन करने से खराश और गले से जुड़ी अन्य समस्या से राहत मिलती है। 

तुलसी का काढ़ा – दो गिलास पानी में 5-7 तुलसी की पत्तियाँ, और 4-5 काली मिर्च मिलाकर काढ़ा बना लें। दिन में दो बार इस काढ़े का सेवन करें।

लहसुन का सेवन

लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं, इसलिए यह गले के संक्रमण को दूर करने में मदद करता है। लहसुन की कली को कुछ देर के लिए अपने दाँतों के बीच रखें। इसका रस चूसने से लाभ मिलता है।

गले में संक्रमण होने पर परहेज करे 

तेल-मसालेदार भोजन का सेवन ना करें।

ठण्डी चीजे जैसे आइसक्रीम, दही, बर्फ के पानी का बिल्कुल उपयोग ना करें।

संक्रमित एवं प्रदूषित वातावरण में ना जाए, और ऐसी जगह के पानी एवं भोजन का सेवन ना करें।

प्रदूषण वातावरण में मास्क लगाकर रखें। 

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