दूसरे देशों की नागरिकता लेने का सिलसिला लगातार जारी, हर साल इतने भारतीय बन जाते है विदेशी

पिछले कुछ वर्षों में यह बात दर्ज की गई है कि अच्छी कमाई और बेहतर एजुकेशन को लेकर भारतीयों का विदेशों की ओर रुख काफी बढ़ गया है. एक रिपोर्ट की माने तो पिछले कुछ वर्षों में लगभग हर साल 1 लाख लोग भारत को छोड़कर दूसरे देशों की नागरिकता ले रहे हैं. रिपोर्ट कहते हैं कि इसके पीछे अच्छी कमाई और बेहतर एजुकेशन कारण है. वही बहुत सारे लोग नौकरी की तलाश में भी विदेशों का रुख कर रहे हैं. कुछ महीने पहले ही देश के गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में भारतीय लोगों के विदेशों की नागरिकता लेने संबंधित जो आंकड़ा पेश किया वह सचमुच चौंकाने वाला है. दरअसल पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में भारतीयों ने दूसरे देशों की नागरिकता ली है.

बात अगर साल 2015 की करें तो इस साल एक लाख 41 हजार लोगों ने विदेशों की नागरिकता ली. वहीं 2016 में यह संख्या बढ़कर एक लाख 44 हजार को पार कर गई. भारतीयों के विदेशों की नागरिकता लेने की रफ्तार लगातार बढ़ रही है. भारतीयों के दूसरे देशों की नागरिकता लेने का क्रम लगातार जारी है. हालांकि 2020 में कोरोना महामारी के कारण इस रफ्तार में थोड़ी कमी आई पर लेकिन फिर 2021 में ये आकड़ा फिर से 1लाख को पार कर गया. रिपोर्टस की माने तो प्रतिदिन लगभग 350 से अधिक भारतीय दूसरे देशों की नागरिकता ले रहे है.

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