शर्मनाक!! परम्परा के नाम पर बूढ़े मां बाप को मिलती है मौत, अपनी औलाद ही बहाती है खून

आज हम आपको ऐसी परंपरा से अवगत कराने जा रहें है जिसे सुनते है आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। जी हां, ऐसी ही एक विचित्र या कहो की क्रूर प्रथा तमिलनाडु में है। जहां अपनी ही संतान के द्वारा ही घर के बुजुर्गों की हत्या कर दी जाती है। वैसे तो इस परंपरा पर बैन लगा हुआ है फिर भी इसे कई लोग आज भी मानते हैं। इस परंपरा को ‘ठलाईकूठल’ (Thalaikoothal)कहते हैं। इसमें घर वाले ही अपने परिवार के बुजुर्गों को जान से मार देते हैं।
‘ठलाईकूठल’ परंपरा एक कुप्रथा है, इसके बावजूद आज के समय भी इसे लोग काफी अच्छे से मनाते हैं। इस कुप्रथा को तमिलनाडु में काफी लोग आज भी मानते हैं। इसमें घर के बुजुर्गों को अलग-अलग तरीकों से मौत दी जाती है। खासकर अगर किसी बुजुर्ग को अगर लाइलाज बीमारी हो गई है तो उसका इलाज करवाने की जगह उसे मार दिया जाता है। ‘ठलाईकूठल’ में कई बार घर वाले बुजुर्गों को ठंडे पानी से नहला देते हैं। इससे उन्हें हार्ट अटैक आ जाता है। साथ ही परंपरा के नाम पर हत्या के इस रिवाज में बुजुर्गों को नाक बंद कर दूध पिलाया जाता है। जिससे उनकी सांसें रुक जाती है। तमिलनाडु सरकार ने इस खौफनाक परंपरा को बैन कर रखा है लेकिन इसके बावजूद इसे आज भी कई परिवार मनाते हैं।

तमिलनाडु के इस क्रूर और खौफनाक ‘ठलाईकूठल’ परंपरा में बुजुर्गों को मौत देने के कई तरीके हैं। इनमें से कुछ बेहद प्रचलित तरीके हैं उनका पेट खराब करवा देना। जी हां, यहां पर बुजुर्ग माता पिता को मिट्टी मिला पानी पिलाया जाता हैं। इससे उनका पेट खराब हो जाता है और उनकी मौत हो जाती है। इसके अलावा बुजुर्गों को इतना नारियल पानी पिलाया जाता है कि उनके गुर्दे खराब हो जाते हैं और दो दिन में हो जाती है।
कब निभाई जाती है ये परंपरा

– जब बुजुर्ग परिवार वालों को बोझ लगने लगता है। – बुजुर्ग की सेवा करने का समय न हो किसी के पास।  
– जब किसी बुजुर्ग को कोई लाइलाज बीमारी हो जाए तब निभाई जाती है।
– गरीबी की वजह से किसी बुजुर्ग का इलाज न करवाया जा सके। 

हत्या का ये रुप समाज की नजरों में है अलविदा कहने का सम्मानजनक तरीका, कभी-कभी तो बुजुर्ग खुद ऐसा करने को कहते हैं। हालांकि, जब ये परंपरा निभाई जाती है, तब ध्यान रखा जाता है कि पुलिस को इसकी भनक भी न लगे। 

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