वैज्ञानिकों ने फलों के कचरे से तैयार किया एंटीबैक्टीरियल बैंडेज, घाव को जल्दी भरने में करेगा मदद

सिंगापुर (Singapore) के वैज्ञानिकों ने फलों के कचरे से बनाकर एक एंटीबैक्टीरियल बैंडेज (antibacterial bandage) तैयार किया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह घाव को जल्दी भरने में मदद करेगा इसके साथ ही इससे फल की बर्बादी रोकी जा सकेगी।

इस एंटीबैक्टीरियल बैंडेज को सिंगापुर की नानयंग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (Nanyang Technological University) के शोधकर्ताओं ने ड्यूरियन फल के बचे हुए हिस्से से बनाकर तैयार किया है।

नानयंग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (Nanyang Technological University) के शोधकर्ताओं ने ड्यूरियन फल के छिलके को अलग करके सुखा कर इसे पीसकर सैल्यूलोज एक पाउडर तैयार किया। फिर पाउडर में ग्लिसरॉल मिलाकर एंटीबैक्टीरियल पटि्टयों में तब्दील किया। जिसके बाद इसे पतली-पतली पटि्टयों में काटकर बैंडेज बनाया गया। 

शोधकर्ताओं का कहना है, फल के कचरे से बैंडेज तैयार करना दूसरी पटि्टयों के मुकाबले सस्ता पड़ता है। इसलिए मरीजों के लिए इसे बेहतर और सस्ते विकल्प के तौर पर पेश किया जा सकेगा।

शोधकर्ताओं का कहना है, यह बैंडेज एक नर्म हाइड्रोजेल के रूप में दिखता है। यह घाव को ठीक करने वाली दूसरी पटि्टयों के मुकाबले ज्यादा आरामदायक है। इसके अलावा घाव को ठंडा और नम रखता है, इससे घाव जल्दी भरता है।

शोधकर्ता प्रो. विलियम चेन कहते हैं, सिंगापुर में लोग हर साल सवा करोड़ ड्यूरियन खाते हैं। खास बात है कि लोग केवल ड्यूरियन का पल्प यानी गूदेदार हिस्सा ही खाते हैं, इसके छिलके और बीज को फेंक दिया जाता है। इसका सीधा असर पर्यावरण पर होता है। शोधकर्ताओं का कहना है, यह बचा हुआ हिस्सा अलग-अलग तरह के घावों का इलाज करने में इस्तेमाल किया जा सकेगा।

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