वैज्ञानिकों का दावा; ग्लोबल वार्मिंग के लिए 99.9% इंसान जिम्मेदार

न्यूयॉर्क की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक मार्क लाइनस ने दावा किया है कि ग्लोबल वार्मिंग के लिए 99.9 फीसदी इंसान जिम्मेदार है। उन्होंने अपना यह दावा पिछले आठ साल से चल रहे 88,125 अध्ययनों के परिणामो के बाद किया है। वहीं अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनिया में मौजूद 40 फीसदी तक शार्क और रे मछलियां विलुप्ति की कगार पर हैं। इसकी वजह है जलवायु परिवर्तन, जरूरत से ज्यादा मछलियों का शिकार। 

मछलियों पर 8 साल तक हुई रिसर्च में सामने आया कि 2014 के इनकी विलुप्ति का खतरा 24 फीसदी था जो अब बढ़कर दोगुना हो गया है। शोधकर्ताओं का कहना है, जलवायु परिवर्तन ऐसे मछलियों के लिए समस्या बढ़ा रहा है।

इससे न सिर्फ उनके मनमुताबिक आवास के लिए माहौल में कमी आने के साथ समुद्र का तापमान में भी बढ़ोतरी हो रही है।

वैज्ञानिकों ने वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट में दावा किया है कि दुनिया की करीब एक चौथाई आबादी दक्षिण एशिया में रहती है। यह क्षेत्र पहले से ही सबसे ज्यादा गर्मी की मार झेलता है। ऐसे में बढ़ता तापमान यहां के लिए बड़ा खतरा है।

इतना ही नहीं कैम्ब्रिज और टबिजेन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है, जलवायु परिवर्तन इंसान की लम्बाई और दिमाग को छोटा कर सकता है। पिछले लाखों सालों में इसका असर इंसान की लम्बाई-चौड़ाई पर पड़ा है। इसका सीधा कनेक्शन तापमान से है। जिस तरह से साल-दर-साल तापमान में इजाफा हो रहा है और गर्मी बढ़ रही है, उस पर वैज्ञानिकों की यह रिसर्च अलर्ट करने वाली है।

More articles

- Advertisement -

ताज़ा ख़बरें

Trending