यूके की बायोटेक कंपनी आउलस्टोन मेडिकल ने एक इलेक्ट्रॉनिक नोज बनाकर तैयार किया है। जो आसानी से लिवर, फेफड़े और कोलोन कैंसर जैसी बीमारियों का पता लगाने में सक्षम होगा। कंपनी का कहना है की इलेक्ट्रॉनिक नोज (ई-नोज ) की मदद से कोविड का पता लगाया जा सके, इस पर भी काम किया जा रहा है। इसे ई-नोज भी कहते हैं।
ई-नोज को बीमारियों की जांच करने के लिए अपनी नाक पर मास्क की तरह लगाना होगा और कुछ ही समय में बीमारी का पता चल जाएगा।
रिर्च के मुताबिक, आमतौर पर मरीज ब्लड, यूरिन और मल का सैम्पल देते समय सहज नहीं महसूस करता, लेकिन नई जांच मरीजों के लिए बेहद आसान साबित होगी और समय भी कम लगेगा। वैज्ञानिकों का कहना है की ई-नोज मरीज की सांस से आने वाली बीमारी की गंध को पहचानकर रोग का पता लगाएगी। इस तकनीक के जरिए दुनियाभर के कई देशों में सांस से जुड़े क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं। इसमें कैंसर से जुड़े ट्रायल भी शामिल हैं। ट्रायल का लक्ष्य कैंसर को समय से पहले पता लगाना है।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और NHS फाउंडेशन के साथ मिलकर यूके के अस्पतालों में 4000 मरीजों पर ट्रायल किया जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है, जब इंसान सांस छोड़ता है तो उसमें 3500 से अधिक वोलाटाइल ऑर्गेनिक कम्पाउंड्स (VOCs) होते हैं। इसमें गैस के बेहद छोटे कण और माइक्रोस्कोपिक ड्रॉपलेट्स होते हैं। ई-नोज वोलाटाइल ऑर्गेनिक कम्पाउंड्स में मौजूद केमिकल की जांच करती है और बीमारी का पता लगाती है। अगले पांच सालों में ई-नोज के जरिए होने वाला टेस्ट एक रूटीन जांच की तरह होने लगेगा। इस पर लगातार काम किया जा रहा है।