केंद्रीय मंत्री और आरपीआई नेता रामदास अठावले ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेकर एक बेहद चौका देने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा है की 2004 में जब पहली बार संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन की सरकार सत्ता में आई थी तब सोनिया गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनना चाहिए था। उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ भी तुलना की।
अठावले ने तर्क दिया कि जब कमला हैरिस अमेरिका की उपराष्ट्रपति बैन सकती हैं तो सोनिया गांधी देश की प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकतीं। रामदास आठवले के हवाले से न्यूज एजेंसी एएनआई ने शनिवार को कहा, “जब यूपीए सत्ता में आई तो सोनिया गांधी को पीएम बनना चाहिए था। अगर कमला हैरिस अमेरिकी उपराष्ट्रपति बन सकती हैं तो सोनिया गांधी प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकतीं? वह एक भारतीय नागरिक हैं, पूर्व पीएम राजीव गांधी की पत्नी हैं और लोकसभा सांसद हैं।”
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने ये भी कहा कि, “अगर उस वक्त सोनिया गांधी को पीएम का पद स्वीकार नहीं था तो तब ऐसे में शरद पवार को पीएम बनाया जाना चाहिए था जो कि उस वक्त पार्टी के वरिष्ठ नेता भी थे। अगर 2004 में मनमोहन सिंह की जगह पवार को पीएम बनाया जाता तो कांग्रेस पार्टी के हालात इतने खराब ना होते जितने आज हो रहे हैं।”
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने साथ ही कहा कि उनकी पार्टी जातिगत जनगणना के पक्ष में है। पार्टी का मत है कि सरकार को जाति के आधार पर नागरिकों की गिनती पर विचार करना चाहिए। बता दें कि शरद पवार फिलहाल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख हैं। कांग्रेस ने शरद पवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। उन्होंने सोनिया गांधी के नेतृत्व के खिलाफ उनके विदेशी मूल को लेकर विद्रोह किया था। 1999 में उन्होंने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और अपनी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) बनाई।