नवनीत कुमार गुप्ता
इस वर्ष पद्म पुरस्कारों से अनेक वैज्ञानिकों को भी सम्मानित करने की घोषण की गयी है। इस वर्ष घोषित कुल 106 पद्म पुरस्करों में चिकित्सा, विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में 15 सेअधिक पद्म पुरस्कारों की घोषण की गयी है। 6 व्यक्तियों को पद्म विभूषण, 9 को पद्म भूषण और 91 को पद्म श्री पुरस्कार देने का ऐलान किया है।
प्रसिद्ध भौतिकीविद् एवं भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईसर), पुणे के विजिटिंग प्रोफेसर दीपक धर को प्रोफेसर दीपक धर को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।
प्रोफेसर दीपक धर ने सांख्यिकीय भौतिकी के कई क्षेत्रों में उनके मौलिक योगदान के लिए, जिसमें स्व-संगठित क्रिटिकलिटी मॉडल के सटीक समाधान, इंटरफेसियल ग्रोथ, अव्यवस्थित चुंबकीय प्रणालियों की समझ, परकोलेशन और क्लस्टर काउंटिंग समस्याओं में सटीक समाधान और फ्रैक्टल्स के वर्णक्रमीय आयाम की परिभाषा आदि क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किया है।
प्रोफेसर दीपक धर का जन्म 30 अक्टूबर 1951 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में हुआ था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय और आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र, प्रोफेसर दीपक धर ने सांख्यिकीय भौतिकी और स्टोकेस्टिक प्रक्रियाओं में अनुसंधान के साथ एक लंबा सफर तय किया है। उनके शाध कार्य का आरंभ 1978 में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पीएचडी के साथ हुआ था। पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने के बाद, टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान में एक रिसर्च फेलो के रूप में अपना करियर शुरू करने के लिए प्रोफेसर दीपक धर भारत लौट आए। दो साल के शोध के बाद, प्रोफेसर दीपक धर 1980 में पूर्णकालिक फेलो बन गए और 1986 तक उस पद पर कार्यरत रहे, जब उन्हें एक रीडर के रूप में पदोन्नत किया गया था।
मुंबई में टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान में, प्रोफेसर दीपक धर ने स्व-संगठित महत्वपूर्ण प्रणालियों के व्यवहार को समझने, चरण इंटरफेस पर गतिशीलता की व्याख्या करने और उनके वर्णक्रमीय आयाम को परिभाषित करने के लिए सांख्यिकीय भौतिकी के कई क्षेत्रों को अहम कार्य लिया। नियमित सेवा से अपनी सेवानिवृत्ति से पहले, प्रोफेसर दीपक धर ने टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान, मुंबई में विभिन्न पदों पर जैसे एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने 1984-85 के दौरान पेरिस विश्वविद्यालय में एक विजिटिंग वैज्ञानिक के रूप में एक साल तक कार्य किया। मई 2006 में आइजैक न्यूटन इंस्टीट्यूट में रोथ्सचाइल्ड प्रोफेसर के रूप में एक महीने भी उन्होंने कार्य किया। सेवानिवृत्ति के बाद, धर ने संस्थान के एक विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थानके साथ अपना जुड़ाव जारी रखा। प्रोफेसर दीपक धर 2016 से आईसर, पुणे में कार्यरत हैं।
प्रोफेसर दीपक धर भारत की तीनों प्रमुख भारतीय विज्ञान अकादमियों – इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज, इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी और नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, भारत के साथ-साथ द वर्ल्ड एकेडमी ऑफ साइंस के निर्वाचित फेलो हैं। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद यानी सीएसआईआर द्वारा प्रोफेसर दीपक धर को 1991 में भौतिक विज्ञान में उनके योगदान के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया, जो सर्वोच्च भारतीय विज्ञान पुरस्कारों में से एक है।
इससे पूर्व प्रोफेसर दीपक धर को वर्ष 2022 के प्रतिष्ठित बोल्ट्जमान पदक के लिए चुना जा चुका है। बोल्ट्जमैन मेडल को इंटरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड फिजिक्स (आईयूपीएपी) के सांख्यिकीय भौतिकी पर
सी3 (C3) आयोग द्वारा स्थापित किया गया है। यह पुरस्कार 3 साल में एक बार दिया जाता है। यह पुरस्कार सांख्यिकीय भौतिकी में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार अगस्त 2023 के दौरान टोक्यो, जापान में 7 से 11 अगस्त के दौरान आयोजित होने वाले स्टेटफिजिक्स28 (Statphys28) सम्मेलन के दौरान प्रदान किया गया था। बोल्ट्जमैन मेडल से सम्मानित कुछ भौतिकीविदों को बाद में नोबल पुरस्कार भी प्रदान किए जा चुके हैं। 1975 से 2019 तक कुल 25 भौतिकीविदों को यह सम्मान प्रदान किया जा चुका है। 9 बार दो-दो भौतिकीविदों का इस सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।