महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. समय बितने के साथ ही महराष्ट्र का सियासी संकट गहराता जा रहा है. क्या शिवसेना अपने बागी विधायकों को मना पाएगी ? या फिर शिवसेना प्रमुख और महराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे अपने बागी नेता एकनाथ शिंदे की बात मान जाएंगे, ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो हर किसी के मने में चल रहा है. एक और जहां एकनाथ शिंदे की गुट वाले विधायको ने उद्धव ठाकरे के सामने महाविकाश अघाड़ी से अलग होने की मांग रख दी है तो वहीं शिवसेना और उद्धव ठाकरे भी हार मानने को तैयार नहीं हैं. बात अब असम के एक फाइव स्टार होटल में ठहरे एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने तक आ गई है. दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरी सीताराम जरवाल द्वारा शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे और15 विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया गया है. इस खबर के सामने आने के बाद एकनाथ शिंदे ने भी इसको लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.
एकनाथ शिंदे की इस याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने की बात सामने आ रही है. महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर आए इस राजनीतिक संकट को लेकर महाराष्ट्र महा विकास आघाडी में शामिल एनसीपी ने भी अपना बयान दिया है. रविवार को राजधानी दिल्ली पहुंचे एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट को लेकर कहा कि उनका और उनकी पार्टी का समर्थन सीएम उद्धव ठाकरे को जारी रहेगा.इसी बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत का बयान भी खूब चर्चा में है जिसमें उन्होंने कहा है कि ये जो 40 लोग गुवाहाटी गए हैं उनकी बॉडी ही यहां आएगी, आत्मा नहीं आएगी. रावत ने कहा कि वे वहां तड़प रहे हैं जब ये यहां मुंबई उतरेंगे तो मन से जीवित नहीं रहेंगे. उनकी बॉडी पोस्टमार्टम के लिए सीधे महाराष्ट्र विधानसभा जाएगी. संजय राउत ने कहा कि उनको पता है कि यह जो आग लगाई है उस आग में क्या हो सकता है.
रावत ने एकनाथ शिंदे और उनके साथ शामिल शिवसेना के बागी विधायकों को चैलेंज करते हुए कहा कि मुंबई आ कर दिखाओ, मेरा चैलेंज है। शिवसेना के नेता संजय रावत का बयान सामने आने के बाद एकनाथ शिंदे ने भी उनके बयान पर पलटवार किया है. एकनाथ शिंदे ने कहा कि बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना आखिर उन लोगों का समर्थन कैसे कर सकती है जिनका मुंबई बम विस्फोट के दोषियों दाऊद इब्राहिम और मुंबई की निर्दोष लोगों की जान लेने के लिए जिम्मेदार लोगों से सीधा संबंध था. एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमने ऐसा कदम इसलिए उठाया है। शिवसेना में ही अब दो गुट बन चुके हैं एक है सीएम उद्धव ठाकरे की शिवसेना तो दूसरी तरफ से एकनाथ शिंदे की शिवसेना. शिवसेना में ये दोनों गुट अपनी अपनी बात रख रहे हैं. महाराष्ट्र में जिस प्रकार से सियासी संकट इस समय चल रहा है उसको लेकर बयानबजी भी खूब हो रही है। भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने भी महाराष्ट्र में चल रहे सियासी उत्तल पुथल को लेकर बयान दे डाला है.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी सरकार अब केवल 2 से 3 दिनों की ही मेहमान है. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र में जो कुछ चल रहा है उसका बीजेपी से कोई लेना देना नहीं है। इन सबके बीच चर्चा यह भी चल रही है कि महाराष्ट्र में फिर से एक बार बीजेपी की सरकार बन सकती है। महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है तो वहीं एक बड़ी खबर निकल कर सामने आई है और वो ये कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने एकनाथ शिंदे से फोन पर दो बार बातचीत है. दोनों के बीच महाराष्ट्र की हालिया राजनीतिक स्थिति के बारे में चर्चा की हुई है। महाराष्ट्र में जिस प्रकार की राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है उसको लेकर महाराष्ट्र महा विकास आघाडी में शामिल शिवसेना बीजेपी शिवसना एनसीपी और कांग्रेस लगातार बैठक कर रहे हैं.
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