पड़ोसी देश नेपाल में राजनीतिक उथल – पुथल तो जारी थी ही और अब वास्तव में नेपाल की राजनीति में भूचाल आ गया हैं क्योकि नेपाल के कार्यवाहक पीएम केपी शर्मी ओली को सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. साथ ही नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी ने ओली की पार्टी की सदस्यता भी रद्द कर दी हैं जिससे केपी शर्मा ओली और ओली खेमें को बड़ा झटका लगा हैं. आपको बता दे कि पार्टी में ओली के खिलाफ बगावत के सुर काफी समय से बुलंद हो रहे थे और कुछ दिनों से ऐसा होने की उम्मीद भी की जा रही थी. हाल ही में एनसीपी के पृथक धड़े के नेता पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने बड़ी सरकार विरोधी रैली का नेतृत्व किया था और कहा कि प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली द्वारा संसद को ‘‘अवैध तरीके’’ से भंग किए जाने से देश में मुश्किल से हासिल की गई संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य प्रणाली को गंभीर खतरा पैदा हुआ है. साथ ही उन्होंने कहा कि ओली के कदमों के चलते लोग प्रदर्शन करने को विवश हुए हैं और आज, पूरा देश प्रतिनिधि सभा को भंग किए जाने के खिलाफ है. गौरतलब हैं कि पड़ोसी देश नेपाल में पिछले साल के दिसंबर महीने में ही तब राजनीतिक संकट में फस गया था जब जब चीन समर्थक समझे जाने वाले ओली ने प्रचंड के साथ सत्ता संघर्ष के बीच अचानक प्रतिनिधि सभा भंग करने की सिफारिश कर दी थी. आपको बता दे नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली को कम्युनिस्ट पार्टी से बाहर करने और उनकी पार्टी सदस्यता रद्द करने की चर्चा वर्तमान में जमकर हो रही है.