किसान आंदोलन अब तीन महीने का होने को आया हैं. किसान कह रही हैं कि सरकार हमारी बात सुन नहीं रही हैं तो वहीं सरकार कहती हैं कि किसानों से बातचीत के लिए दरवाजे हमेशा खुले हैं.
कल राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के तहत हुई चर्चा का जवाब दिया. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन की आड़ में अपनी सियासत चमकाने में लगी राजनीतिक पार्टियां और कथित आंदोलनकारी लोगों को आड़े हाथों लिया और उन्हें “आंदोलनजीवी” नाम दिया.

पीएम मोदी ने साथ ही ये भी कह डाला कि ये इनसे बचने की आवश्यकता हैं. पीएम ने किसानों को फिर विश्वास दिलाया कि एमएसपी कभी समाप्त नहीं होगी और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कृषि कानून समय की मांग हैं. पीएम ने किसानों को आश्वासन दिया की सरकार किसानों से हर उस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए तैयार है जिनको लेकर किसानों के मन में आशंका है.
साथ ही पीएम ने किसान आंदोलन के जरिये देश के अंदर और बाहर सरकार विरोधी हवा बनाने वालों को भी आड़े हाथों लिया. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कृषि के क्षेत्र में सुधार के संबंध में पूर्व पीएम ड़ॉ. मनमोहन सिंह के उस बयान को भी पढ़ा जिसमें उन्होने पूर्व में कृषि क्षेत्र में बदलाव की वकालत की थी और किसानों के लिए एक बाजार उपलब्ध कराने की मंशा जताई थी.

पीएम मोदी ने साथ ही इस दौरान बार – बार इस बात को कहा कि जो विपक्ष पहले इसी कृषि सुधार की वकालत करता था उसने अचानक यू – टर्न ले लिया हैं. साथ ही इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला.