मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर बड़ा आतंकी हमला, सीओ समेत पांच जवानों की मौत

मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के सिंघट में शनिवार को असम राइफल्स के काफिले पर एक बेहद बड़ा उग्रवादी हमला हुआ है। इस हमले में अब तक सीओ समेत 5 जवान मारे जाने की पुष्टि हुई हैं। वहीं, कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) की पत्नी और बेटे की भी इस हमले में मौके पर ही मौत हो गई है। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस हमले की कड़ी निन्दा करते हुए इसे कायराना करार दिया है।

वहीं मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह ने हमले को कायरतापूर्ण बताते हुए कहा, “46 असम राइफल्स के काफिले पर हुए इस कायराना हमले की कड़ी निंदा करता हूं। इसमें सुरक्षाबल के जवानों के साथ कमांडिंग अफसर और उनके परिवार की भी जान गई। राज्य के सुरक्षाबल और पैरा मिलिट्री इन आतंकियों को खोजने के काम में जुटे हैं। हमले को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”

फिलहाल ऑपरेशन जारी है। हमले के पीछे मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का हाथ बताया जा रहा है। इसका गठन साल 1978 में हुआ था। इसके कुछ सालो बाद भारत सरकार ने इसे आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। ये संगठन मणिपुर में भारतीय सुरक्षाबलों पर धोखे से हमले करने के लिए जाना जाता है। इसका गठन बिश्वेसर सिंह ने किया था। आतंकी संगठन पीएलए स्वतंत्र मणिपुर की मांग करता है।

बता दें इससे पहले 5 नवंबर को श्रीनगर में आतंकियों ने सेना के जवानों पर हमला किया था और नागरिकों की मौजूदगी का फायदा उठाकर आतंकवादी को भागने में सफल हो गए थे। आतंकवादी संगठन गाजी स्क्वॉड ने बेमिना में सुरक्षाबलों पर हुए इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। संगठन ने कहा था कि हमला पाकिस्तान की क्रिकेट टीम की जीत पर जश्न मनाने वाले लोगों पर दर्ज एफआईआर के विरोध में किया गया।

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