रूपये – पैसे के लेनदेन के लिए हम बैंक चाहते हैं. बैंक का हमारे जीवन में काफी महत्व है. अभी तक आपने पैसे के लेन – देने के लिए बैंक बारे में तो जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी “गोट बैंक” यानि “बकरी बैंक” के बारे में सुना है ? नहीं ना, तो चलिए आज हम महराष्ट्र में चल रहे गोट बैंक के बारे में बताते है जिसकी चर्चा वर्तमान में जोरों पर है.
दरअसल, महाराष्ट्र के अकोला जिले के सांघवी मोहाली गांव में पिछले दो साल से गोट बैंक संचालित किया जा रहा है और इस बैंक का पूरा नाम गोट बैंक ऑफ कारखेड़ा है.

इस बैंक की शुरआत नरेश देशमुख ने की थी और उनकी उम्र 52 साल है. आपको बता दे कि ये गोट बैंक अभी तक 500 से ज्यादा बकरियां कर्ज के तौर पर लोगों को दे चुका है. इस गोट बैंक की खास बात यह है कि यहां कर्ज के तौर पर बकरियां दी जाती है और बदले में चार मेमने वापस लिए जाते है
इस प्रकार इस गोट बैंक में रूपये – पैसे का नहीं बल्कि बकरियों और मेमने का लेन – देन होता है. अब सवाल ये हैं कि आखिर इससे फायदा क्या है ? तो इससे फायदा ये है कि गोट बैंक के सहारे महाराष्ट्र में बकरी पालन का प्रचलन बढ़ रहा है और इससे ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे है.
इस बैंक का मुख्य उद्देश्य बकरी पालन को बढ़ावा ही देना है. बकरी पालन से जुड़ने से लोगों को आमदनी भी हो रही है और साथ ही बकरी के दूध के उत्पादन में भी तेजी आई है.