लखीमपुर हिंसा: आखिर दस लोगों का हलफनामा भी नहीं बचा पाया, आशीष मिश्रा को भेजा गया 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में

उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में पिछले रविवार को हुयी हिंसा में आठ लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्र उर्फ मोनू को जेल भेज दिया है। शनिवार को क्राइम ब्रांच के दफ्तर में एसआइटी के सामने पेश हुए आशीष को 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद देर रात गिरफ्तार किया गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आशीष को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लखीमपुर खीरी जिला जेल भेज दिया है। आशीष की पुलिस रिमांड के लिए अर्जी दी गयी थी और अदालत ने इस अर्जी पर सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर की तारीख तय की है।

उसका मेडिकल कराने के बाद पुलिस ने रात को ही मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया और उनके आदेश पर सोमवार तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। एसआईटी का नेतृत्व कर रहे पुलिस उप महानिरीक्षक उपेन्द्र अग्रवाल ने देर रात पत्रकारों को बताया कि आशीष पुलिस से पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है और कई सवालों का जवाब नहीं दे रहा हैं। लिहाजा उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

विपक्षी दलों के आक्रामक रूख और उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद पुलिस ने केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री के आवास पर नोटिस चस्पा कर आशीष को शुक्रवार को पुलिस के सामने पेश होने का निर्देश दिया था हालांकि वह शुक्रवार को पुलिस लाइन नहीं आया जिसके बाद पुलिस ने एक और नोटिस शुक्रवार को चस्पा की। हालांकि इस नोटिस को ध्यान में रखते हुये वह शनिवार को वह सुबह 10.38 बजे पेश हुआ। वह स्कूटी से पुलिस लाइन पहुंचा और मीडियाकर्मियों को चकमा देते हुये पिछले गेट से प्रवेश कर गया।

एसआईटी की टीम ने सुबह 11 बजे उससे पूछताछ शुरू कर दी। लगभग 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद डीआईजी ने रात करीब 11 बजे बाहर निकल कर पत्रकारों को आशीष की गिरफ्तारी की औपचारिक घोषणा की। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आशीष साथ लाये साक्ष्यों में यह साफ नहीं कर सका कि वह घटना के समय कहां था। साथ लाए वीडियो में तिकुनिया में घटी हिंसक घटना के समय दंगल में होने की पुष्टि नहीं हो सकी है।

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