किन्नर, जिनकी एक दुआ आपका भाग्य चमका सकती है तो वहीं इनकी जुबान से निकली हुई एक बद्दुआ ही आपकी जिंदगी बर्बाद करने के लिए काफी होती है। वो किन्नर जो हमारी खुशियों में शरीक होने हमारे घर के दरवाजे आते है नाच गीत करते और नेक मांग कर चले जाते है। क्या आपने कभी उनके निजी जीवन के बारे मे सोचा है उनका अंतिम संस्कार किस प्रकार होता होगा इसकी तो आपने कल्पना भी नहीं की होगी।
दरसअल, किन्नरों का अंतिम संस्कार दुनिया की नजरों से छुपाकर किया जाता है। माना जाता है कि अगर अगर किसी किन्नर के अंतिम संस्कार को कोई आम इंसान देख ले तो मरने वाले का जन्म फिर से किन्नर के रूप में ही होगा। वैसे तो किन्नर हिन्दू धर्म की कई रीति-रिवाजों को मानते हैं, लेकिन इनकी लाश को जलाया नहीं जाता बल्कि दफनाया जाता है।
कहते हैं कि अंतिम संस्कार से पहले बॉडी को जूते-चप्पलों से पीटा जाता है। कहा जाता है इससे उस जन्म में किए सारे पापों का प्रायश्चित हो जाता है। इसके अलावा कहा जाता है कि अपने समुदाय में किसी की मौत होने के बाद किन्नर अगले एक हफ्ते तक खाना नहीं खाते।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि किसी किन्नर की मृत्यु के बाद उनका समुदाय मौत का मातम नहीं मनाते, ऐसा इसलिए क्योंकि वह किन्नर की ज़िन्दगी से मुक्त हो जाते हैं।
जानिए किस तरह किया जाता है किन्नरों का अंतिम संस्कार, कांप जाएगी रूह
