तीन कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन दिल्ली के तमाम बार्डरों पर जारी है. इस आंदोलन को अब तीन महीना होने को आया है पर सरकार और किसानों के बीच बात बन नहीं पाई है.
भले ही किसानों और सरकार के बीच बात न बन पाई हो पर पंजाब से शुरू हुआ किसान आंदोलन हरियाणा और यूपी में भी अपनी जड़े जमा रहा है, जो भाजपा को परेशान कर रही है. दरअसल, इन दो राज्यों में जाटों की संख्या अच्छी मात्रा में है और अब जैसा की जाट भी इस आंदोलन से जुड़ गए है तो ये भाजपा के लिए अच्छा संकेत नहीं है.
भाजपा भी इस बात को बखूबी समझ रही है और इसी के मद्देनजर भाजपा ने जाटों को अपने पाले में करने का जिम्मा केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को दिया है. इसका बड़ा कारण ये है कि संजीव बालियान पश्चिमी यूपी के कद्दावर जाट नेताओं में से एक है.

इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा के नेताओं से किसान आंदोलन को लेकर साफ रूख अपनाने और सुनियोजित तरीके से काम करने की सलाह दी है. भाजपा द्वार साथ ही डैमेज कंट्रोल का कार्य भी लगातार किया जा रहा है.
आपको बता दे कि जाटों के किसान आंदोलन से जुड़ने के बाद जाटों को अपने पाले में करने की रणनीति पर आज केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के घर पर बैठक बुलाई गई है . इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है.