हर दूसरे दिन हमारे देश में बलात्कार, रेप, दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न से जुड़े सैकड़ों मामले सामने आते है छोटे नवजात बच्चे से लेकर 90 साल की बुजुर्ग महिला कोई सुरक्षित नही है, प्रति दिन अखबारों की हेडलाइन में ऐसी ना जाने कितनी खबर सामने आती होंगी ऐसी ही एक घटना से जुड़ा ताजा मामला केरल के कासरगोड से सामने आया है, जहां एक मदरसे (Madrasa) के उलेमा को यौन उत्पीड़न के आरोप में 20 साल कारावास की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने आरोपी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि नहीं दिए जाने पर उसकी सजा को 1 साल और बढ़ा दिया जाएगा।
आरोपी अब्दुल हनीफ मधानी (Abdul Haneef Madhani) नाम के 41 वर्षीय उलेमा ने 11 साल के बच्चे का यौन उत्पीड़न किया। अब्दुल हनीफ मधानी को पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 और आईपीसी की धारा 377 में 10 साल की सजा सुनाई गई। दोनों सजा साथ-साथ चलेगी। सत्र न्यायालय के न्यायाधीश टीके निर्मल ने अब्दुल हनीफ मधानी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।
पीड़ित की ओर से वकील के मुताबिक, आरोपी ने पीड़ित बच्चे का कई बार यौन शोषण किया। आरोपी ने 31 मई 2016 को आखिरी बार ऐसा किया था। इसके बाद अंबलथारा थाने में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन वह बेल पर रिहा हो गया था। कोर्ट ने हाल ही में उसे दोषी पाया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
गौरतलब है कि ऐसा ही एक मामला साल 2018 मे हैदराबाद से सामने आया था। जहां एक मदरसे के मौलवी ने 6 नाबालिग बच्चों का यौन उत्पीड़न किया था। परिजनों की शिकायत के बाद आरोपी मौलवी को गिरप्तार कर लिया गया था। पुलिस ने बताया था कि मौलवी पर 10 से 12 साल के बच्चों से रेप का आरोप है। शिकायत के बाद उसके ख़िलाफ़ मामला दर्ज हुआ था।
केरल: मदरसे के मौलवी ने किया 11 साल के बच्चे का यौन शोषण, कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा
