Kartik Purnima 2021: आज है कार्तिक पूर्णिमा, जानिए शुभ मुहूर्त, स्नान और पूजा विधि

इस साल पूर्णिमा तिथि 18 नवंबर (बृहस्पतिवार) को दोपहर 12:01 मिनट से प्रारंभ होकर 19 नवंबर दिन शुक्रवार को दोपहर 2:28 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। हालांकि इस साल पूर्णिमा तिथि के दिन पूर्वात्तर भारत में आंशिक चंद्र ग्रहण भी देखने को मिल सकता है। लेकिन इसका प्रभाव धार्मिक कार्यों में नही पड़ेगा। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि को बेहद शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार हुआ था। जिसके कारण आज के दिन नदी में स्नान और दान आदि करना बेहद शुभ माना जाता है। एक मान्यता यह भी है की आज के दिन भोले शंकर ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। जिसके कारण पूर्णिमा तिथि और त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है। 

गंगा स्नान का महत्त्व
माना जाता है की भगवान विष्णु का आज के दिन नदी तट पर मत्स्य अवतार हुआ था। जिसके कारण आज के दिन गंगा स्नान को अधिक मान्यता दी गई है। ऐसा कहा जाता है की पूर्णिमा तिथि के दिन नदी में स्नान आदि दान पुण्य काम करने से व्यक्ति अपने सभी पापो से मुक्त हो जाता है। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करना अनिवार्य माना गया है। पूर्णिमा तिथि के शुभ मौके पर स्नान का शुभ मुहूर्त दोपहर 2: 28 मिनट तक रहेगा। लेकिन अगर आप गंगा स्नान ना कर सको तो आप घर में ही गंगाजल की कुछ बूंदे अपने ऊपर छिड़क सकते है। यह भी आपको उचित फल देगा।

दान का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने का शुभ समय 19 नवम्बर दिन शुक्रवार को सूर्यास्त से पहले तक रहेगा। तो जो भी व्यक्ति दान करना चाहता है वह सूर्यास्त से पहले पहले कर लें। शास्त्रों के अनुसार आज एक के दिन गुड, फल, अनाज और वस्त्रों का दान करना चाहिए। साथ ही जो व्यक्ति इन सब चीजों का दान नहीं कर सकता वह अपने सामर्थ्य के अनुसार भी दान कर सकता है। मान्यता है की कार्तिक पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की प्रिय वस्तुओं मिठाई, दूध और नारियल का दान देने से मां लक्ष्मी सदैव प्रसन्न रहती है।

शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि की प्रारंभिक तिथि/समय – 18 नवंबर को दोपहर 12:01 मिनट पर
पूर्णिमा तिथि की समाप्ति की तिथि/समय – 19 नवंबर को दोपहर 2:28 मिनट पर 
पूर्णिमा तिथि पर स्नान समय – 19 नवंबर को दोपहर 2: 28 मिनट तक
दान करने का शुभ समय व तिथि – 19 नवंबर सूर्यास्त तक
कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रोदय का समय – 19 नवंबर 5:28 समय पर


पूजा विधि
» सर्वप्रथम ब्रह्मुहूर्त में उठें और यदि आप किसी कारणवश गंगा नदी मे स्नान नही कर सकते तो घर पर ही नहाने के बाद अपने ऊपर गंगाजल की बूंदे डालें।
» इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करें उन्हें तिलक लगाए। इसके लिए पहले मंदिर में एक चौकी बना लें उसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के आगे दीपक जलाएं और भगवान सत्यनारायण कथा का पाठ करें।
» वहीं शाम के समय माता तुलसी के सामने दीप प्रज्वलित करना कतई ना भूलें। ऐसी मान्यता है की कार्तिक पूर्णिमा के दिन माता तुलसी ने प्रभु शालीग्राम के साथ विवाह किया था और आज ही के दिन माता तुलसी वैकुंठ धाम पहुंची थी।

भूल कर भी ना करें ये काम….
आज के दिन ऐसी मान्यता है की भूल कर भी प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा, अंडा नही खाना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा को बेहद पवित्र माना जाता है इसलिए इस दिन तामसिक भोजन से बचना चाहिए। यहां तक कि ऐसा भी माना जाता है की आज के दिन प्रेम प्रसंग मामलो में नही पढ़ना चाहिए अर्थात आज के दिन शारीरिक संबंध बनाने आदि संबंधित कार्यों से दूरी बना के चलना चाहिए। माना जाता है की आज के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और स्त्री/पुरुष की तरफ गलत निगाहों से नही देखना चाहिए।

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