पंजाब कांग्रेस चल रहे टकराव की स्थिति को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी की लीडरशिप पर सवाल उठाया है। सिब्बल ने कहा है कि, ‘कांग्रेस का कोई इलेक्टेड प्रेसीडेंट नहीं है, पर फैसला कोई न कोई तो ले ही रहा है ना। गलत हो, सही हो.. ये चर्चा वर्किंग कमेटी में होनी चाहिए। लोग पार्टी छोड़कर क्यों जा रहे हैं, ये सोचने की जरूरत है।’
बता दें सिद्धू ने मंगलवार दोपहर पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा दिया था। ठीक उसके कुछ देर बाद कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सिद्धू के रणनीतिक सलाहकार पूर्व DGP मुहम्मद मुस्तफा की पत्नी और कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। थोड़ी देर बाद महासचिव योगेंद्र ढींगरा ने भी इस्तीफा दे दिया।
सच की लड़ाई के लिए आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा: नवजोत सिंह सिद्धू
पंजाब कांग्रेस पद से इस्तीफे के बाद नवजोत सिद्धू ने पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार को एक वीडियो ट्वीट कर कहा कि पंजाब के एजेंडे के लिए हक और सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा। उन्होंने आगे कहा कि 6 साल पहले जिन्होंने बादलों को क्लीन चिट दी। उन्हें इंसाफ का जिम्मा सौंपा गया है। इसमें सीधे तौर पर नए कार्यकारी डीजीपी इकबाल प्रीत सहोता को निशाना बनाया गया है।
सिद्धू ने विडियो में आगे कहा है की मैंने हाईकमान को न गुमराह किया और न होने दूंगा। इन लोगों को लाकर सिस्टम नहीं बदला जा सकता। जिन लोगों ने ड्रग तस्करों को सुरक्षा कवच दिया। उन्हें पहरेदार नहीं बनाया जा सकता। सीधे तौर पर नए मंत्रियों को लेकर यह बात कही गई है। सिद्धू ने कहा कि मैं अडूंगा और लडूंगा। कोई पद जाता है तो जाए।
उन्होंने कहा, “मेरा 17 साल का राजनीतिक सफर एक मकसद के लिए रहा। पंजाब के लोगों की ज़िन्दगी को बेहतर करना और मुद्दों की राजनीति पर स्टैंड लेकर खड़ा रहना यही मेरा धर्म है। मेरी आज तक किसी से कोई निजी लड़ाई नहीं रही।” सिद्धू ने कहा, “मैं न हाईकमांड को गुमराह कर सकता, न गुमराह होने दे सकता। इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ने के लिए, पंजाब के लोगों की ज़िन्दगी को बेहतर करने के लिए किसी भी चीज की कुर्बानी मैं दूंगा। इसके लिए मुझे कुछ सोचने की ज़रूरत नहीं है।”