दुनिया भर में अपना भारी प्रकोप दिखा चुका कोरोना अब भारत को आंख दिखा रहा है जिसके चलते भारत सरकार देश भर मे वैक्सीनेशन का दायरा तेजी से बढ़ा रही है जिससे की कोरोना से बचा जा सकता है। ऐसे में यह जानना भी बेहद जरूरी हो जाता है की वैक्सीन लगने से पहले अथवा बाद मे क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
आपको बता दें कि वैक्सीन लगने से पहले और उसके बाद, ज्यादा शराब पीने (heavy drinking) से शरीर में पैदा होने वाली वायरस से लड़ने की क्षमता पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है ज्यादा शराब हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, यानी इम्यून सिस्टम को दबा सकती है। वैक्सीन लगने के बाद कोरोना वायरस से लड़ने लायक एंटीबॉडीज बनने में कुछ हफ्तों का समय लगता है, ऐसे में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली पर किसी भी तरह का नकारात्मक असर वैक्सीन के असर को बेकार कर सकता है।
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर वायरस रिसर्च के डायरेक्टर इल्हेम मेसाउदी के मुताबिक, ज्यादा शराब पीने और उसके हैंगओवर से वैक्सीन लगवाने के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स बढ़ सकते हैं। जैसे बुखार, बदन दर्द और बेचैनी। उनका कहना है की, ज्यादा शराब पीने से हमारी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया यानी इम्यून रिस्पॉन्स बाधित होता है। यह बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन के सामने आपको कमजोर बनाता है।
ज्यादा शराब हमारे इम्यून सेल्स यानी प्रतिरक्षा कोशिकाओं को इंफेक्शन वाली जगह तक पहुंचने और वायरस या बैक्टीरिया को मारने से रोकता है। इससे बीमार करने वाले पैथोजन यानी रोगाणुओं का कोशिकाओं पर हमला करना आसान हो जाता है। ज्यादा शराब इसके अलावा भी कई समस्याएं पैदा करती है। एक रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने 391 लोगों को पांच अलग-अलग रेस्पिरेटरी वायरस से संक्रमित किया। जांच में पाया कि कम शराब पीने वालों को जुकाम होने की संभावना बेहद कम थी।
ज्यादा शराब पीने वाले बंदरों पर वैक्सीन बेअसर –
एक और स्टडी में कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर वायरस रिसर्च के डायरेक्टर इल्हेम मेसाउदी और उनके साथियों ने रीसस बंदरों को सात महीने तक एल्कोहलिक ड्रिंक पिलाई और देखा कि पॉक्स वायरस के खिलाफ दिए गए टीके का क्या असर हुआ? इंसानों की तरह ही कुछ रीसस बंदर शराब का मजा लेते हैं और बहुत पीते हैं, जबकि दूसरी प्रजाति के बंदर कम पीते हैं। रिसर्चर ने पाया कि जो बंदर लंबे समय से शराब पी रहे थे उनके शरीर में वैक्सीन के बाद पैदा होने वाला इम्यून रिस्पॉन्स काफी कमजोर था। डॉ. मेसाउदी का कहना था कि ऐसे बंदरों में दरअसल इम्यून रिस्पांस था ही नहीं। वहीं, बेहद कम मात्रा में शराब पीने वाले बंदरों के शरीर में बिल्कुल न पीने वाले बंदरों से भी ज्यादा ताकतवर इम्यून रिस्पॉन्स पैदा हुआ। चूहों पर किए गए ऐसे ही प्रयोग में भी यही नतीजे निकले।