अगर आप भी हैं इस बीमारी से ग्रसित तो बिल्कुल ना लगवाएं कोरोना वैक्सीन, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया नोटिस

1 मई से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगनी शुरू हो चुकी है। ऐसे में बहुत सी ऐसी खबरें सामने अायी है जहां वैक्सीन लगने के बाद कई लोगों में साइड इफेक्ट्स (Vaccine side effects) नजर आएं है तो कहीं कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर किन लोगों को वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कुछ जरूरी गाइडलाइन्स जारी कर यह बताया गया है कि किन लोगों को यह वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए। साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया है कि वैक्सीन की डोज को इंटरचेंज नहीं किया जा सकता, यानी वैक्सीन की पहली और दूसरी दोनों ही डोज सेम वैक्सीन की होनी चाहिए, फिर चाहे वह कोविशील्ड हो या फिर कोवैक्सीन।

आइए जानते है किन लोगो को वैक्सीन नही लगवानी चाहिए: 

18 साल से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को यह वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए।
जिन लोगों में कोविड-19 के लक्षण दिख रहे हों (Active symptoms od covid), उन्हें भी संक्रमण से पूरी तरह से उबरने के 4 से 8 हफ्ते बाद ही वैक्सीन लेनी चाहिए।
जिन लोगों को लो प्लेटलेट्स की बीमारी हो या फिर जिनका इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर हो (Immunocompromised) और जो इसके लिए दवा ले रहे हों, उन्हें भी फिलहाल कोरोना की वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए
अगर किसी व्यक्ति को बुखार, ब्लीडिंग डिसऑर्डर यानी खून से संबंधित कोई बीमारी हो या फिर अगर कोई मरीज ब्लड थिनर यानी खून को पतला करने वाली दवा ले रहा हो तो उसे भी कोरोना की वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए।
अगर ट्रायल में शामिल किसी भी व्यक्ति को कोविड-19 वैक्सीन की वजह से किसी तरह की एलर्जी (Any allergy) हुई हो या फिर अगर पहला डोज लेने के बाद किसी व्यक्ति में कोई एलर्जिक रिऐक्शन दिखे तो ऐसे लोगों को भी वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए।
कोरोना वायरस से पीड़ित जिन मरीजों का इलाज प्लाज्मा थेरेपी (Plasma therapy) या एंटीबॉडीज की मदद से किया जा रहा हो, ऐसे मरीजों को भी रिकवर होने के 4 से 8 हफ्ते बाद ही वैक्सीन लेनी चाहिए, उससे पहले नहीं।
गर्भवती महिलाएं और बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग (Pregnant ladies and lactating women) कराने वाली महिलाओं को भी कोरोना की वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए।

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