कृषि का क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें अगर मेहनत अच्छे से किया जाए तो काफी अधिक पैसा कमाया जा सकता है। मछली पालन सदियों से चला आ रहा है। पहले के जमाने में लोग नदियों, तालाबों या फिर जलाशयों में मछली पालन करते थे लेकिन आज का समय बदल गया है। अब ऐसा नहीं है। दरअसल आज के समय में मछली पालन केंद्रों में और कम जगह में भी मछली का पालन काफी अच्छे प्रकार से किया जा रहा है।
लोग उन्नत तकनीक का प्रयोग कर मछली का उत्पादन कर रहे हैं जिससे लोगों को काफी अधिक लाभ भी हो रहा है। कम जगह और कम लागत से मछली पालन का व्यापार शुरू किया जा सकता है। आज के समय में भारत जैसे देश में मछली की मांग पहले से काफी ज्यादा बढ़ गई है। यानि साफ है कि अगर मछली की मांग बढ़ेगी तो इससे मछली पालने वाले लोगों को फायदा होगा। आज के इस लेख में हम आपको मछली पालन के बारे में ही बताने जा रहे हैं कि मछली पालन आप किस प्रकार से शुरू कर सकते हैं और आपको मछली पालन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. किस प्रकार करें मछली का पालन : मछली पालने के लिए सबसे पहली जो जरूरत है वह है तालाब की। या फिर जलाशय या फिर जल को इकट्ठा रखने वाली एक जगह की जिसमें की मछली पालन किया जा सके। मछली पालन करने का सबसे पहला चरण है तालाब या फिर जिस जलाशय में आप मछली पालन करने जा रहे हैं उसे अच्छी तरह साफ करना।
2. विभिन्न प्रकार की मछलियों के बीज को तालाब में डालना – मछली पालन में सबसे महत्वपूर्ण बात होती है कि हमें उत्पादन का विशेष ध्यान रखना होता है।अगर आप मछली पालन करने जा रहे हैं तो आप भी जरूर चाहेंगे कि मछलियों का उत्पादन ज्यादा हो। इसके लिए आपको तालाब साफ करने के बाद इसमें छह प्रकार की मछलियों के बीज डालने चाहिए क्योंकि इससे उत्पादन अधिक होता है। तालाब में तीन प्रकार की देसी मछलियां जैसे कि कतला रोहू और मृगल तथा तीन प्रकार की विदेशी मछलियां जैसे कि सिल्वर कार्प, ग्लास कार्प और कॉमन कार्प का बीज डालें। इस प्रकार 6 चुनी हुई मछलियों के संचयन से उत्पादन अधिक होता है।
3. खाद का प्रयोग – अधिक मात्रा में मछली उत्पादन के लिए जैविक और रासायनिक खाद का प्रयोग किया जाता रहा है। दरअसल रासायनिक खादों की जगह जैविक खाद का प्रयोग अधिक मछली उत्पादन में ज्यादा कारगर होता है। जैसे कि तालाब को साफ करने के बाद इसमें मछली के बीज डालने से l 20 दिन पूर्व खाद दिया जाता है और इसके बाद प्रतिमाहमछली के बीज डालने के बाद प्रतिमा भी खाद दिया जाता है।
4. कृत्रिम भोजन – मछली पालन के समय मछलियों को दिया जाने वाला खाना यानी कि कृत्रिम भोजन का भी विशेष ध्यान रखना होता है। मछली के अधिक उत्पादन के लिए प्राकृतिक भोजन के अलावा कृत्रिम भोजन भी जरूरी होता हैै। जैसा कि आप मछलियों को सरसों की खली, चावल का कुंडा बराबर मात्रा में दे सकते हैं। तालाब में मछली के बीज डालने के 3 महीने तक प्रति एकड़ में 2 से 3 किलोग्राम, चौथे से छठे महीने तक 3 से 5 किलोग्राम, सातवें से नौवें माह तक 5 से 8 किलो प्रति ग्राम और 10 वे से 12 वे महीने तक 8 से 10 किलोग्राम प्रति एकड़ में सरसों की खली और चावल के कुंडे का मिश्रण मछलियों को भोजन के रूप में दिया जा सकता है।
5. मछली पालन से होने वाला है – मछली पालन से आज के समय में लोग काफी अच्छा लाभ कमा रहे हैं। बात अगर मछली पालन से कमाई की करें तो 1 एकड़ में मछली पालन कर लोग महीने में कम से कम 50000 रुपए तक की कमाई कर सकते हैंं। मछली पालन से कमाई इस बात पर निर्भर करती है कि आप मछली का पालन किस प्रकार से करते हैं और कितने बड़े जगह में करते हैं। मछली पालन के हर पहलू पर विशेष ध्यान रखना और मछली पालन के दौरान उत्पादन किस प्रकार बढ़ाया जाए इस को ध्यान में रखकर मछली का उत्पादन करना ज्यादा सही रहता है।
जाहिर है कि अगर आप अधिक मात्रा में मछली का पालन करेंगे तो इससे आपको लाभ भी अधिक होगा अधिक मछली के उत्पादन के लिए आप अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र से भी संपर्क कर सकते हैं। यहां से आप मछली को पालने के लिए दिए जाने वाले प्रशिक्षण का हिस्सा बन सकते हैं और मछली का पालन किस प्रकार से किया जा सकता है उसे आप यहां से सीख सकते हैं।