1 अप्रेल से हरिद्वार में महाकुंभ की शुरआत होने जा रही है जिसको लेकर तैयारियां अब और तेज कर दी गई है. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस बार कुंभ मेले की अवधि घटाई गई है और इस बार कुंभ मेला मात्र 1 महीने का ही होगा. शाही स्नान की तारीखों की घोषणा पहले ही हो चुकी है जहां पहला शाही स्नान महाशिवरात्री के मौके पर 11 मार्च को होगा. हरिद्वार में लगेने जा रहे कुंभ मेले में शिविर को लेकर चल रहा संशय भी अब समाप्त हो गया है क्योकि मेला प्रशासन ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि इस बार गंगा के किनारे शिविर नहीं लगेंगे और संत अपने अखाड़े से ही शाही स्नान के लिए आएंगे. लेकिन इस फैसले से कई संत खुश नहीं है.
दरअसल, हरिद्वार के विभिन्न संन्यासी और बैरागी अखाड़ों के संत सरकार और मेला प्रशासन से गंगा के किनारे शिविर लगाने हुतु भूमि आवंटन की मांग कर रहे है. वहीं कुछ संतों ने तो शिविर के लिए भूमि आवंटन न होने पर कुंभ के बहिष्कार की भी बात कही है. वर्तमान में कोरोना काल चल रहा है और ऐसे में उतराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार किसी भी तरह का मोल लेने के मूड में नहीं है जिसके चलते ही राज्य सरकार और मेला प्रशासन ने इस बार गंगा के किनारे शिविर न लगाने का फैसला लिया है.