कश्मीर के बिगड़ते माहौल पर बोले राज्यपाल सत्यपाल मलिक; मेरे कार्यकाल के दौरान आतंकी सीमा में घुस नहीं पाते थे

जम्मू कश्मीर में लगातार आतंकवादी घटनाएं बढ़ती जा रही है। कश्मीर में आतंकी आम नागरिकों को अपना निशाना बना रहे है। हालात बेकाबू होते नजर आने लगे है। इन सबके बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और अभी मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आतंकी गतिविधियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। मलिक ने कहा कि उनके राज्यपाल रहते श्रीनगर में आतंकवादी घुस तक नहीं पाते थे, जबकि अब वहां हत्याएं हो रही हैं।

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि, “जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान आतंकी श्रीनगर तो क्या, श्रीनगर के 50-100 किलोमीटर की दूरी तक भी नहीं पहुंच पाते थे। उन्होंने आगे कहा कि तब कोई आतंकी श्रीनगर की सीमा में प्रवेश नहीं कर पाता था लेकिन आज आतंकी श्रीनगर में गरीबों की हत्या कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादियों की कमर तोड़ने के लिए और भी सख्त कदम उठाने होंगे। इसके लिए चप्पे-चप्पे पर निगरानी की आवश्यकता है। किसानों के मुद्दे पर मलिक ने कहा कि वो इसके लिए प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री तक से झगड़ा कर चुके हैं। मलिक ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार का मिजाज अभी आसमान पर है जो वक्त के साथ नीचे आएगा। 

यही नहीं सत्यपाल मलिक ने अपनी ही सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसानों की नहीं सुनी गई तो फिर यह केंद्र सरकार दोबारा सत्ता में नहीं आएगी। मलिक ने कहा कि लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा उसी दिन होना चाहिए था। लखीमपुर खीरी मामले में मिश्रा के इस्तीफा नहीं दिए जाने पर मलिक ने कहा, बिल्कुल गलत है यह, लखीमपुर मामले में मिश्रा का इस्तीफा उसी दिन होना चाहिए था। वो वैसे ही मंत्री होने लायक नहीं हैं।

बता दें सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर के अंतिम राज्यपाल भी हैं। सत्यपाल मलिक के राज्यपाल रहते ही जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था। सत्यपाल मलिक के कार्यकाल में ही जम्मू कश्मीर राज्य का पुनर्गठन करते हुए इसे केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील कर दिया गया था और लेह लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था।

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