केंद्र सरकार ने किसानो की खेती को आसान करने के लिए उठाया बड़ा कदम। दरअसल केंद्र सरकार ने किसानो को खेती संबंधी जानकारी और मौसम की पहले से सूचना उपलब्ध कराने के लिए ‘आत्मनिर्भर कृषि ऐप’ की शुरुआत की है। आत्मनिर्भर कृषि ऐप को किसानों को कृषि संबंधित बारीक से बारीक जानकारी उपलब्ध कराने और मौसम संबंधी जानकारी व अलर्ट सुविधा देने के लिए बनाया गया है।
इसके साथ ही राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘किसानमित्र’ पर विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा किसानों के लिए प्रासंगिक जानकारी का खजाना अब ‘आत्मनिर्भर कृषि ऐप’ के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके जरिए किसानों को मिट्टी के प्रकार, मिट्टी की सेहत, नमी, मौसम और पानी उपलब्धता से संबंधित आंकड़ों को एकत्र किया गया है।
टेक महिंद्रा मेकर्स लैब टीम ने आत्मनिर्भर कृषि ऐप को डिजाइन और विकसित किया है। सरकार के अनुसार देश के दूरदराज के इलाकों में कनेक्टिविटी के मुद्दों को देखते हुए ऐप को न्यूनतम बैंडविड्थ पर काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह ऐप – एंड्रॉइड और विंडोज संस्करणों में – किसानों, स्टार्ट-अप, कृषि विज्ञान केंद्रों, स्वयं सहायता समूहों और गैर सरकारी संगठनों के लिए 12 भाषाओं में मुफ्त में उपलब्ध होगा।
ऐप को इस आधार पर किया गया है तैयार
• आंकड़ों का एकत्रीकरण
• केंद्रीकृत दृष्टिकोण का निर्माण
• मशीन लर्निंग इनफेरेनसेंस का लाभ उठाना• स्थानीय विशेषज्ञता (केवीके) समर्थित संवाद और दृष्टिकोण को विकसित करना
ऐप की मुख्य विशेषताएं
>> आत्मनिर्भरु कृषि ऐप भाषा को सरल बनाकर आंकड़ों को किसानों के लिए आसान बनाता है।
>> सरकार द्वारा लॉन्च आत्मनिर्भर कृषि ऐप 12 भाषाओं में उपलब्ध है।
>> आत्मनिर्भर कृषि ऐप के एंड्रॉइड और विंडोज संस्करण गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध हैं।
>> किसान, स्टार्ट-अप, केवीके, एसएचजी या एनजीओ इसका निःशुल्क इस्तेमाल कर सकेंगे।
>> देश के दूर-दराज के इलाकों में कनेक्टिविटी के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए, ऐप को न्यूनतम बैंडविड्थ पर काम करने के लिए डिजाइन किया गया है।
>> ऐप किसान से किसी तरह की जानकारी एकत्रित नहीं करता है। यह जरूरी आंकड़े (आंकड़ा देखें) प्रदान करने के लिए खेत की भौगोलिक स्थिति पर निर्भर है।
>> किसी स्थान से संबंधित आंकड़े उस क्षेत्र का पिनकोड दर्ज करके एकत्र किया जा सकेगा।
सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने ऐप की पेशकश के दौरान कहा, किसानमित्र पहल के आत्मानिर्भर कृषि ऐप के साथ, किसानों के पास आईएमडी, इसरो, आईसीएआर और सीजीडब्ल्यूए जैसे हमारे शोध संगठनों द्वारा दी जाने वाली साक्ष्य-आधारित जानकारियां होंगी। ऐप सुनिश्चित करेगा। किसानों के लिए बेसिक फोन पर आसान भाषा में जानकारी के साथ उपलब्ध ऐप, फैसले लेने की प्रक्रिया के दौरान समावेशिता को भी बढ़ाएगा।