देश भर में कोरोना वायरस ने विकराल रूप ले रखा है। हर व्यक्ति इससे बचने का रास्ते ढूंढ रहा है ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहें हैं उन पेड़-पौधों के बारे में जिन्हें अपने आस-पास लगाकर आप ऑक्सीजन की कमी से राहत पा सकते है। ये पेड़ एक दिन में 20 घंटों से ज्यादा समय तक ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं।
आइए जानते हैं कि कौन कौन से पेड़ कितने समय तक ऑक्सीजन बनाते हैं:
पीपल का पेड़
पीपल के पेड़ से कई धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई है। हिंदु धर्म में पीपल तो बौद्ध धर्म में इसे बोधी ट्री के नाम से जानते हैं। बताया जाता है कि पीपल का पेड़ रात में ऑक्सीजन देता है। पीपल का पेड़ 60 से 80 फीट तक लंबा होता है। इस का विस्तार, फैलाव और ऊंचाई बहुत अधिक होती है।
समुद्री पौधे (मरीन प्लांट्स)
खबरों के अनुसार वातावरण में मौजूद 70 से 80 फीसदी ऑक्सीजन इन पौधे की ओर से ही बनाई जाती है। जमीन का अधिकांश हिस्सा समुद्री होने की वजह से ये पौधे पृथ्वी को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देते हैं। ये पौधे जमीनी पौधों से ज्यादा ऑक्सीजन बनाते हैं।
नीम का पेड़
नीम के पेड़ को एक एवरग्रीन पेड़ कहा जाता है यह एक नैचुरल एयर प्यूरीफायर है. ये पेड़ प्रदूषित गैसों जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड, सल्फर और नाइट्रोजन को हवा से ग्रहण करके पर्यावरण में ऑक्सीजन को छोड़ता है। यह बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन उत्पादित कर सकता है। इससे आसपास की हवा हमेशा शुद्ध रहती है।
बरगद का पेड़
बता दें कि बरगद के पेड़ को भारत का राष्ट्रीय वृक्ष भी कहते हैं इसे हिंदू धर्म में बहुत पवित्र भी माना जाता है। यह पेड़ कितनी ऑक्सीजन उत्पादित करता है या उसकी छाया कितनी है यह सब उसकी लंबाई पर निर्भर करता है।
जामुन का पेड़
यह पेड़ सल्फर ऑक्साइड और नाइट्रोजन जैसी जहरीली गैसों को हवा से सोख लेता है। इसके अलावा कई दूषित कणों को भी जामुन का पेड़ ग्रहण करता है।
अशोक का पेड़
अशोक के पेड़ को लगाने से न केवल वातावरण शुद्ध रहता है बल्कि उसकी शोभा भी बढ़ती है। घर में अशोक का पेड़ हर बीमारी को दूर रखता है ये पेड़ जहरीली गैसों के अलावा हवा के दूसरे दूषित कणों को भी सोख लेता है।
अर्जुन का पेड़
अर्जुन के पेड़ के बहुत से आर्युवेदिक फायदे हैं। इस पेड़ का अपना धार्मिक महत्व भी बहुत है और कहते हैं कि ये माता सीता का पसंदीदा पेड़ था। हवा से कार्बन डाई ऑक्साइड और दूषित गैसों को सोख कर ये उन्हें ऑक्सीजन में बदल देता है।
कानपुर स्थित हारकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (HBTI) में प्रोफेसर डॉक्टर पीडी दीक्षित के मुताबिक आज अगर हमने ज्यादा से ज्यादा से पेड़ लगाए होते तो शायद ऑक्सीजन की इतनी कमी नहीं होती। उन्होंने कहा कि जब तक आपके पर्यावरण में ऑक्सीजन नहीं होगी आप किसी भी प्लांट में जरूरत के लिए ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं कर सकते हैं। इसलिए बहुत जरूरी है कि हम पेड़ों को लगाने पर जोर दें।
आपको बता दें कि HBTI भारत का प्रतिष्ठित कृषि संस्थान है जो 100 साल से भी ज्यादा पुराना है। इसे दलहन संस्थान के बारे में भी जानते हैं।