तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों का दिल्ली सीमा पर विरोध प्रदर्शनजारी है। इसको करीब सात महीने हो चुके हैं। ऐसे में अब भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के चुनाव लड़ने के अनुमान भी लगाए जाने लगे हैं। दरअसल राकेश टिकैत का एक ताजा बयान सामने आया है जिससे संकेत मिले हैं कि वो चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। हालांकि इससे पहले ही वो चुनावी राज्यों में जाकर केंद्र सरकार का विरोध करना शुरू कर चुके हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत ने अपनी रणनीति को लेकर कहा कि मुजफ्फरनगर में सितंबर महीने में एक मीटिंग होगी और उसी के बाद से आगे की दिशा तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार के पास 2 महीने का समय है, अगर वो किसान आंदोलन को बातचीत के मुद्दे से हल करना चाहती तो कर ले। उन्होंने कहा कि इस महापंचायत में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब से किसान शामिल होंगे और आगे की रणनीति पर मंथन करेंगे।
वहीं किसान नेताओं के चुनाव लड़ने को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि मुजफ्फरनगर में पूरे किसान इकट्ठा एकत्रित होंगे और देशभर के किसानों के लिए आगे की प्रभावी रूपरेखा तय करेंगे। किसान नेताओं के चुनाव लड़ने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि चुनाव लड़ने क्या बुराई है, हम क्या वोट नहीं देते और जो लोग वोट दे सकते हैं और अगर वो चुनाव लड़ना चाहते हैं तो उसमें गलत क्या है, वह बिल्कुल चुनाव लड़ सकते हैं।