दिल्ली के तमाम बॉर्डर पर किसान आंदोलन लगभग 3 महीनों से जारी है. सरकार और किसानों के बीच 10 बार से अधिक बैठक हो चुकी है पर इसका अभी तक कोई हल नहीं निकला है. कृषि कानून को लेकर सरकार और किसानों के बीच बात कब बनेगी इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं हैं.

किसान आंदोलन लगातार जारी हैं पर आज से कुछ दिन पहले जो गाजीपुर बार्डर पर हुआ उससे लगा था कि शायद किसान आंदोलन अब समाप्त हो जाएगा. किसान नेता राकेश टिकैत के आसुओं ने फिर एक बार किसान आंदोलन को संजीवनी देने का काम किया हैं और जिस गाजीपुर से किसान अपने घर को लोटने लगे थे वे फिर से किसानों से गुलजार हो गया हैं.
किसान नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन और तेज करने के लिए किसानों को एक नया फॉर्मूला दिया है. टिकैत ने कहा है कि हर गांव से एक ट्रैक्टर पर 15 आदमी 10 दिन का समय लेकर आएं और इस तरह हर किसान इस आंदोलन में शामिल हो सकेगा और फिर गांव लौटकर खेती भी कर सकेगा.
इसके साथ ही टिकट ने कहा कि किसान संगठनों के नेता सरकार से बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं पर सरकार जानबूझकर इस आंदोलन को लंबा खींचना चाहती है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि किसानों को आंदोलन से जुड़ने के लिए एक नया तरीका बताया गया है ताकि हर एक किसान इस आंदोलन से जुड़ सकें और कृषि कानून को वापस करवाने में अपनी पूरी भागीदारी दे सके.
किसान आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है. विपक्ष में किसान आंदोलन को लेकर सरकार को लगातार दघेर रहा है. हाल ही में शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय रावत ने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर किसान आंदोलन को समर्थन दिया था.