देश में इमरजेंसी जैसे हालात….सुप्रीम कोर्ट ने लगाई केंद्र सरकार को फटकार, ऑक्सीजन और दवाओं की कमी पर मांगा जवाब

एक तरफ देश में कोरोना दुगनी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ राजधानी समेत देश के कई अन्य राज्यों में दवाओं और ऑक्सीजन की कमी बढ़ते ही जा रही है लोग तड़प तड़प कर मरने को मजबूर है जनता की बेबसी और लाचारी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार पर सवाल उठाए। कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर उनसे अस्पतालों की बदहाली का जवाब मांगा है नोटिस में कोर्ट ने केंद्र सरकार को लेकर सख्ती दिखाई है और पूछा है कि आखिर हालातों से निपटने के लिए सरकार ने क्या योजना बनाई है।
साथ ही चीफ जस्टिस एसए बोबडे की खंडपीठ ने केंद्र से ऑक्सीजन और दवाओं की सप्लाई और टीकाकरण को लेकर भी जवाब मांगा है। कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह कोरोना से लड़ने के लिए अपनी राष्ट्रीय स्तर पर तैयार की गई योजना बताए।
मौजूदा स्थिति को ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ जैसे हालात बताते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार बिंदुओं पर जवाब मांगा है। केंद्र ने कहा है कि,” सरकार ऑक्सीजन सप्लाई, जरूरी जवाओं की सप्लाई, टीकाकरण की प्रक्रिया और लॉकडाउन लगाने का अधिकार सिर्फ राज्य सरकार को हो, कोर्ट को नहीं…इनपर जवाब दे।” 
सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल यानी कल होगी। कोर्ट ने वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को एमिकस क्युरी भी नियुक्त किया है।

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