दिल्ली विश्वविद्यालय से एक बड़ी खबर सामने आई है जिसमें फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन व दिल्ली विश्वविद्यालय की विद्वत परिषद के पूर्व सदस्य डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध लॉ फैकेल्टी ( विधि संकाय ) में एडहॉक शिक्षकों के पदों को समाप्त कर उन्हें गेस्ट टीचर्स में तब्दील किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है और कहा कि विधि संकाय गेस्ट टीचर्स की आड़ में धीरे -धीरे केंद्र सरकार की आरक्षण नीति को समाप्त कर उन पदों को सामान्य करना चाहता है इसलिए उन्होंने अपने यहाँ 70 गेस्ट टीचर्स के पदों को निकाला है मगर उसमें किसी भी श्रेणी के उम्मीदवारों को आरक्षण नहीं दिया ।
उन्होंने बताया है कि डीयू के अन्य विभागों में गेस्ट टीचर्स के पदों पर केंद्र सरकार की आरक्षण नीति के तहत एससी–15 , एसटी –7:5 ,ओबीसी –27 , पीडब्ल्यूडी — 5 व ईडब्ल्यूएस —10 फीसदी आरक्षण देकर पदों को भरा जा रहा है लेकिन विधि संकाय ने अपने यहाँ गेस्ट टीचर्स के 70 पद विज्ञापित किए है मगर इन वर्गों को आरक्षण नहीं दिया । इन पदों पर आरक्षण न दिए जाने की कटु आलोचना करते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति से मांग की है कि 20 व 21 जनवरी 2023 को विधि संकाय में होने वाले गेस्ट टीचर्स के इंटरव्यू को रदद् कर इन पदों पर आरक्षण देते हुए पुनः विज्ञापन निकालकर सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए ।
डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि विश्वविद्यालय के विधि संकाय में 11 जनवरी 2023 को 70 गेस्ट टीचर्स का पैनल बनाने के लिए विज्ञापन निकाला है जिसमें आवेदन करने की तिथि 16 जनवरी तथा इन पदों का साक्षात्कार 20 व 21 जनवरी को रखा गया है । उन्होंने बताया है कि आरक्षण के हिसाब से एससी– 10 :5 , एसटी — 6 , ओबीसी –19 , पीडब्ल्यूडी –4 व ईडब्ल्यूएस — 7 पद बनते है लेकिन दुर्भाग्य से इस पूरी प्रक्रिया में डीओपीटी के निर्देशानुसार लागू विभिन्न वर्गों के आरक्षण संबंधी कोई प्रावधान नहीं है । आरक्षण नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाते हुए इन पदों को भरा जा रहा है । जबकि पिछले दिनों लगभग एक दर्जन विभागों / कॉलेजों में गेस्ट टीचर्स के पदों के विज्ञापन निकाले गए इन विज्ञापनों में सभी श्रेणी के उम्मीदवारों के पदों को निकाला गया और उन पदों पर नियुक्ति भी की गई ।
डॉ. सुमन ने बताया है कि विश्वविद्यालय ने पिछले कुछ महीनों से एडहॉक टीचर्स के पदों को गेस्ट टीचर्स में तब्दील कर दिया है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने विभागों व कॉलेज प्रिंसिपलों को सर्कुलर जारी कर कहा था कि गेस्ट टीचर्स के पदों पर भी रोस्टर और आरक्षण के नियमों को लागू करते हुए इन पदों को भरा जाए । उनका कहना है कि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को भी पढ़ाने का अवसर प्राप्त हो।