आपने अक्सर मेंढक और मेंढकी की शादी की खबरे सुनी होंगी। अमूमन किसान मेंढक की शादी धूमधाम से करवाते है दूल्हे-दुल्हन की ड्रेस में मेंढक के जोड़े दिखाई देते हैं और उनकी माला पहनाकर शादी की जाती है। उत्तर भारत से लेकर दक्षिणी भारत तक इसका काफी चलन है। ऐसे में ना केवल मेंढक की शादी होती है बकायदा उनका तलाक भी करवाया जाता है।
तो चलिए अगर आप नही जानते तो हम आपको बताएंगे की आखिर किस तरह करवाई जाती है मेंढक की शादी और इस शादी को करवाने के पीछे छुपा कारण। इतना ही नहीं, हम आपको इस शादी के साथ एक तलाक की भी रस्म बताएंगे की आखिर किस तरह ये तलाक करवाया जाता है।
तो चलिए जानते है मेंढक की शादी से लेकर तलाक तक की पूरी कहानी…
मेंढक की शादी भी हम इंसानों की तरह ही की जाति है। इसमे कुछ खास बड़ा अंतर नहीं होता दूल्हे-दुल्हन की ड्रेस में मेंढक के जोड़े दिखाई देते हैं और उनकी माला पहनाकर शादी की जाती है। फैंसी कपड़ों में बैठे मेंढक और मेंढकी की मंत्रों के साथ शादी करवाई जाती है।
शादी में म्यूजिक होता है, शादी में सजावट होती है, शादी में नाच गाना होता है, यहां तक कि मेहमानों को खाना भी खिलाया जाता है, इसके बाद पूरे रिवाजों के साथ उनकी शादी करवाई जाती है। मेल मेंढक सिंदूर तक भी भरता है। शादी के बाद दोनों को नदी, तालाब आदि में छोड़ दिया जाता है। इसके बाद इस शादी को पूरा माना जाता है।
दरअसल, मेंढक-मेंढकी की शादी एक प्रतीक के तौर पर कराई जाती है जिससे वो दोनों मिलन के लिए तैयार हो जाएं और बारिश आ जाए। कुल मिलाकर लोगों इंद्रदेव को खुश करने के लिए ये शादी करवाई जाती है। देश के अलग अलग हिस्सों में होने वाली इस शादी लक्ष्य सिर्फ बारिश ही होता है। वहीं इस शादी के साथ तलाक का भी खास महत्व है।
जैसे मेंढक की शादी करवाने के बाद तेज बारिश आ जाती है और बारिश एक सीमा से ज्यादा हो जाती है तो तलाक करवाया जाता है। जैसे किसी जगह बाढ़ आदि की नौबत आ जाती है तो फिर से मेंढक और मेंढकी का तलाक भी करवाया जाता है। इसके बाद बारिश होना बंद हो जाती है। यानी बारिश करवाने के लिए मेंढक की शादी करवाई जाती है और मेंढक की शादी के बाद बारिश ज्यादा आ जाए तो इनका तलाक करवाया जाता है।