सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस एक प्रकार की गठिया बीमारी होती है। सरवाइकल का मतलब यानी गर्दन में दर्द, अकड़न और सिर दर्द की परेशानी से जूझना पड़ता है। सर्वाइकल की तकलीफ से विशेषकर ऐसे लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है जो ऑफिस में डेस्क वर्क करते हैं।
आजकल के समय में यह परेशानी सबसे ज्यादा युवाओं में देखने को मिल रही है। यूं तो यह आम समस्या है, लेकिन ज्यादा लापरवाही करने से यह गंभीर रूप धारण कर सकती है। सर्वाइकल की परेशानी महिला-पुरुष दोनों में देखने को मिल जाती है। लेकिन 40 वर्ष की उम्र के बाद लगभग 60 प्रतिशत लोगों को इस परेशानी से जूझना पड़ता है।
सर्वाइकल होने के कारण
आमतौर पर सर्वाइकल की परेशानी गलत ढंग से बैठने, लेटकर टीवी देखने या बिस्तर पर लेटकर पढ़ने से पैदा होती है। सवाईकल स्पांडिलाइटिस गलत तरीके से लेटने, बढ़ती उम्र, गलत अवस्था में काफी देर तक बैठे रहना, काम के कारण गर्दन पर अधिक तनाव आना, गर्दन व रीढ़ की हड्डी में चोट लगना, स्लिप-डिस्क और मोटापा भी इसके कुछ कारण हैं। इसके अलावा यदि पूरे परिवार में स्पॉन्डिलाइटिस की परेशानी है तो स्वाभाविक है नई पीढ़ी में भी यह समस्या देखने को मिल सकती है।
सर्वाइकल के कुछ लक्ष्ण इस प्रकार-
गर्दन में धीरे-धीरे दर्द महसूस होता है।
दर्द लगातार बढ़ता जाता है।
गर्दन में अकड़न आने लगती है।
कार्यक्षमता में कमी महसूस होती है।
स्वभाव लगातार चिड़चिड़ा होता जाता है।
तनाव और चिंता लगातर बढ़ती जाती है।
भुजाओं में कमजोरी का एहसास होता है।
गर्दन और हाथों में झनझनाहट होती है।
इस बीमारी से बचने के लिए कुछ उपचार
हमेशा ध्यान रखें गर्दन के दर्द को भूलकर भी अनदेखा नहीं करें, डॉक्टर को दिखाने के बाद एक्सरसाइज या इसका इलाज करें, बॉडी का पोश्चर ठीक रखें। नियमित व्यायाम और योग करें। लम्बे समय तक डेस्क वर्क और बिना ब्रेक के काम करने से भी सवाईकल की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा गलत तरीके से तकिया लगाने से भी दिक्कत होती है। गर्दन, बाजू व रीड की हड्डी में दर्द इसके प्रारंभिक लक्षण होते हैं। अगर आप भी सवाईकल की परेशानी से जूझ रहे है तो एक बार डॉक्टर को जरूर दिखाएं इससे न केवल आपका सवाईकल से पीछा छूटेगा बल्कि आप जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे।