स्पेन में तनाव और डिप्रेशन जैसी गंभीर मानसिक बीमारियों से निपटने के लिए ‘क्राइंग रूम’ बनाने का प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है। क्राइंग रूम में तनाव से ग्रसित कोई भी व्यक्ति खुलकर रो और चिल्ला भी सकता है। इतना ही नहीं अगर उस व्यक्ति को किसी तरह की कोई मदद की भी आवश्यकता हो तो बेहिचक मदद मांग सकता है। इस रूम में मदद के लिए मनोचिकित्सक भी मौजूद रहते हैं।
गौरतलब हो की 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे पर स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने मेंटल हेल्थ कैम्पेन की शुरुआत की। उनका कहना था, मानसिक रोग एक टैबू नहीं सार्वजनिक समस्या है, इस पर हमें बात करने की जरूरत है और समाधान भी निकालना चाहिए। क्राइंग रूम को गुलाबी रंग देकर कवर किया गया है। इसमें घुसते ही आपको बहुत सी चीजें नजर आएंगी। जहां आपको कमरे के एक कोने में उन लोगों के नाम लिखे दिखाई देंगे जिससे आप बेझिझक बात कर सकते है।
वहीं आपको रूम के अंदर मनोरोग विशेषज्ञों के नम्बर भी मौजूद मिलेंगे जिससे की आप अपने मेंटल हेल्थ पर सलाह ले सकें। इसके लिए फोन भी उपलब्ध है। यहां की दीवारों पर चिपके पोस्टर्स पर लिखा है कि ‘मुझे भी आपकी चिंता है’। क्राइंग रूम को बनाने का उद्देश्य है की लोग मेंटल हेल्थ को लेकर जागरुक हों,
उसका समाधान ढूंढें और मदद मांगने में महसूस होने संकोच को दूर कर सकें। सरल शब्दों में कहा जाए तो मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित लोगों को इससे निकालना ही क्राइंग रूम का उद्देश्य है। बता दें स्पेन में हर 10 में से एक टीनएजर मेंटल हेल्थ से जूझ रहा है। यहां की 5.8 फीसदी आबादी एंग्जाइटी से जूझ रही है। साल 2019 में स्पेन में 3,671 लोगों ने आत्महत्या की।