देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप अभी पूरी तरह थमा भी नही है और लोगो ने लापरवाही शुरू कर दी है। कोरोना के मामलों में कमी देखते हुए राज्य सरकारों ने नियमों में काफी हद तक ढील दे दी है। लेकिन सरकार की ओर से दी गई इस ढील के बाद बाजारों में जिस तरह से भीड़ देखी जा रही है उसे देखकर लगता है कि शायद अब लोगों में कोरोना संक्रमण को लेकर कोई डर नहीं रहा है।
आईसीएमआर के प्रमुख डॉ बलराम भार्गव ने पहाड़ी क्षेत्रों और शहरी बाजारों की एक तस्वीर शेयर करते हुए कहा कि ये तस्वीरें काफी डराने वाली हैं। लोगों को कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौती कोरोना की तीसरी लहर नहीं बल्कि हम उसे लेकर क्या रुख अख्तियार करते है वो है। लहर के पहलू को उजागर करने के बजाय, हमें प्रसार को रोकने के लिए कोविड उपयुक्त व्यवहार और प्रतिबंधों पर ध्यान देना चाहिए।
हालांकि तीसरी लहर को लेकर प्रशासन, एक्सपर्ट्स और डॉक्टर भी आशंकित हैं। जिसे देखते हुए सरकार आम लोगों से बार-बार नियमों का पालन करने की अपील कर रही है। बावजूद इसके कोरोना के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। बाजारों में लोगों की भीड़ बढ़ रही है तो वहीं पर्यटन स्थलों पर भी भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
दिल्ली में जमकर उड़ा सुरक्षा का माखौल
राजधानी दिल्ली के बाजारों में नियमों का उल्लंघन होने के कारण सरकार ने एक बार फिर से भीड़भाड़ वाले बाजारों पर सख्ती बढ़ा दी है। इसी क्रम में सरोजनी नगर, लक्ष्मी नगर, लाजपत नगर-2 की सेंट्रल मार्केट जैसी भीड़भाड़ वाले कई बाजारों पर प्रशासन का डंडा चला है और इन बाजारों को बंद कर दिया गया है। हालांकि कुछ बाजार खुले रहेंगे। पुरानी दिल्ली के मशहूर सदर बाजार की रूई मंडी को भी बंद कर दिया गया है। इन जैसे बड़े बाजार जहां कोरोना के नियमों का उल्लंघन हो रहा है उन सभी बाजारों को सरकार ने अगले आदेश तक बंद कर दिया है।
हिमाचल में भी उड़ी कोरोना नियमों की धज्जियां
कोरोना नियमों के लगातार हो रहे उल्लंघन को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शिमला और मनाली में COVID के उचित व्यवहार के बड़े पैमाने पर उल्लंघन पर हिमाचल प्रदेश सरकार को पत्र लिखा है। सरकार की तरफ से इसके साथ ही कहा गया है कि अगर नियमों को इसी तरह तोड़ा जाता रहा तो सरकार के मजबूरी में सख्त पाबंदियां लगानी पड़ेगी। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मनाली में भीड़ को “प्रतिशोध के साथ पर्यटन” कहा और अप्रत्यक्ष रूप से लोगों से महामारी के बीच राज्य में जल्दबाजी न करने का आग्रह किया है।