सीएम देब ने न्यायपालिका का उड़ाया माखौल, कहा- सरकार आप लोगो की है, न कि अदालत की…अदालत से ना डरे मैं बचाऊंगा आपको

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने एक विवादित बयान देकर फिर से राजनैतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है। दरअसल शनिवार को त्रिपुरा सिविल सर्विस ऑफिसर्स एसोसिएशन के द्विवार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने सिविल सर्वेंट्स से आग्रह किया कि वे अपने काम के रास्ते में न्यायपालिका के डर को न आने दें। देब के इस बयान पर टीएमसी ने उन पर न्यायपालिका का ‘मजाक’ उड़ाने का आरोप लगाया। खुद टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट कर देब को पूरे देश के लिए शर्मनाक बताया है।

शनिवार को कांफ्रेंस के दौरान बिपलब देब ने कहा, ‘कोर्ट की अवमानना इस तरह से कही जाती है जैसे कोई बाघ बैठा हो। मैं बाघ हूं। सत्ता उसी के पास होती है जो सरकार चलाता है। इसका मतलब है कि सारी शक्ति लोगों के पास है। हम ‘लोगों की सरकार है, न कि अदालत की सरकार।’ देब ने यह भी उल्लेख किया कि कैसे राज्य के पूर्व मुख्य सचिव को उनके कार्य से इसलिए मुक्त कर दिया गया था क्योंकि उन्हें अदालत की अवमानना का डर था।

स्थानीय भाषा में बोलते हुए उन्होंने कहा, “इससे व्यवस्था में किस तरह की समस्याएं पैदा होंगी? मैं जानना चाहता हूं कि अदालत की अवमानना के आरोप में किसे जेल भेजा गया है? मैं यहां हूं। आपके जेल जाने से पहले मैं जाऊंगा।” इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने तालियां भी बजाईं। बिप्लब देब ने आगे कहा कि किसी को जेल भेजना आसान नहीं होता है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस के काम को याद रखा जाए।

अगर कोर्ट पुलिस को किसी को जेल भेजने के लिए कहती है तो पुलिस उन्हें बताएगी कि आरोपी मिला ही नहीं। उन्होंने कहा कि आखिरकार ताकत ‘बाप’ के हाथ में होती है। वहीं तृणमूल कांग्रेस के सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने देब पर उनके इस बयान को ट्वीट करते हुए उन पर निशाना साधा है। ट्विटर पर हमला बोलते हुए टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, ”उन्होंने बेशर्मी से लोकतंत्र का मजाक उड़ाया, माननीय न्यायपालिका का मजाक उड़ाया। क्या सुप्रीम कोर्ट उनकी टिप्पणियों पर संज्ञान लेगा जोकि गंभीर अनादर को दिखाते हैं?”

अभिषेक बनर्जी के ट्वीट पर बिपलब देब के ओएसडी ने प्रतिक्रिया दी है। संजय मिश्रा ने ट्वीट किया, ‘अपना फेक प्रॉपेगेंडा फैलाने से पहले आपको पूरी स्पीच सुननी चाहिए। आप सरकारी संस्थाओं का कितना सम्मान करते हैं, यह हम सब जानते हैं।’ वहीं, सीपीएम नेता पबित्र कार ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने जो भी बयान दिया वह संविधान और न्यायिक व्यवस्था पर हमला है। एक मुख्यमंत्री होने के नाते वह ऐसे बयान नहीं दे सकते। हम इसकी निंदा करते हैं और हम न्यायालय का भी ध्यान इस तरफ खींचने की कोशिश करेंगे।’

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