पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इशारों-इशारों में सिद्धू पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी का जो हेड होता है, उसे परिवार में अपनी बात रखनी होती है पार्टी प्रधान परिवार का मुखिया होता है। उन्हें कोई ऐतराज है तो आएं और बात करें। उन्होंने कहा कि, मैंने सिद्धू साहब से फोन पर बात की है, पार्टी सुप्रीम होती है।
उन्हें आकर बात करने को कहा है, सरकार पार्टी की नीति पर ही चल रही है और आज या कल में बात हो जाएगी।
बता दें सिद्धू ने मंगलवार दोपहर पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा दिया था। ठीक उसके कुछ देर बाद कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सिद्धू के रणनीतिक सलाहकार पूर्व DGP मुहम्मद मुस्तफा की पत्नी और कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
थोड़ी देर बाद महासचिव योगेंद्र ढींगरा ने भी इस्तीफा दे दिया। इस बीच कांग्रेस आलाकमान एक्टिव हुआ है। अजय माकन को विधायक दल की बैठक के लिए चंडीगढ़ भेजा जा रहा है, कांग्रेस नेता हरीश चौधरी भी चंडीगढ़ जाएंगे।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने सिद्धू के इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। हालांकि उन्होंने कहा कि अब स्थिति को सही करने में हम समय नहीं गंवा सकते। हमें तुरंत पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PPCC) का नया प्रधान नियुक्त कर देना चाहिए। यह सलाह ऐसे वक्त में आई है जबकि सिद्धू का इस्तीफा अभी कांग्रेस हाईकमान ने मंजूर नहीं किया है।
सच की लड़ाई के लिए आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा: नवजोत सिंह सिद्धू
पंजाब कांग्रेस पद से इस्तीफे के बाद नवजोत सिद्धू ने पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार को एक वीडियो ट्वीट कर कहा कि पंजाब के एजेंडे के लिए हक और सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा। उन्होंने आगे कहा कि 6 साल पहले जिन्होंने बादलों को क्लीन चिट दी। उन्हें इंसाफ का जिम्मा सौंपा गया है। इसमें सीधे तौर पर नए कार्यकारी डीजीपी इकबाल प्रीत सहोता को निशाना बनाया गया है।
सिद्धू ने विडियो में आगे कहा है की मैंने हाईकमान को न गुमराह किया और न होने दूंगा। इन लोगों को लाकर सिस्टम नहीं बदला जा सकता। जिन लोगों ने ड्रग तस्करों को सुरक्षा कवच दिया। उन्हें पहरेदार नहीं बनाया जा सकता। सीधे तौर पर नए मंत्रियों को लेकर यह बात कही गई है। सिद्धू ने कहा कि मैं अडूंगा और लडूंगा। कोई पद जाता है तो जाए। उन्होंने कहा, “मेरा 17 साल का राजनीतिक सफर एक मकसद के लिए रहा।
पंजाब के लोगों की ज़िन्दगी को बेहतर करना और मुद्दों की राजनीति पर स्टैंड लेकर खड़ा रहना यही मेरा धर्म है। मेरी आज तक किसी से कोई निजी लड़ाई नहीं रही।” सिद्धू ने कहा, “मैं न हाईकमांड को गुमराह कर सकता, न गुमराह होने दे सकता। इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ने के लिए, पंजाब के लोगों की ज़िन्दगी को बेहतर करने के लिए किसी भी चीज की कुर्बानी मैं दूंगा। इसके लिए मुझे कुछ सोचने की ज़रूरत नहीं है।”