पंजाब के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद गुरुवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी के अंदर अपने ‘अपमान’ का जिक्र करते हुए कहा कि अगर उनके साथ इस तरह का व्यवहार हो रहा है तो आम कार्यकर्ताओं के साथ क्या होता होगा। दरअसल, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह बयान कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के बाद दिया है। जिसमें श्रीनेत ने कहा था कि पार्टी के अंदर गुस्सा करने के लिए कोई जगह नहीं है।
इसी के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, “हां, राजनीति में गुस्से के लिए कोई जगह नहीं होती। लेकिन क्या कांग्रेस जैसी इतनी पुरानी पार्टी में अपमान और परेशान किए जाने के लिए जगह है? अगर मुझ जैसे वरिष्ठ नेता के साथ इस तरह का व्यवहार हो सकता है तो मुझे आश्चर्य है कि कार्यकर्ताओं के साथ क्या होता है। इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वह अपमानित महसूस कर रहे थे।”
बता दें पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा था कि, अमरिंदर सिंह का बयान उनके कद के मुताबिक नहीं है, लेकिन वह कांग्रेस के बड़े नेता हैं और संभव है कि उन्होंने कोई बात गुस्से में कह दी होगी। उन्होंने कहा कि वह शायद मेरे पिता जी की उम्र के होंगे। बुजुर्गों को गुस्सा आता है और बहुत ज्यादा गुस्सा आता है और वह कई बार गुस्से में बहुत सारी बातें कह देते हैं। उनके गुस्से, उनकी उम्र, उनके तजुर्बे का हम सम्मान करते हैं और मुझे लगता है कि वह जरूर इस पर पुनर्विचार करेंगे।
श्रीनेत ने आगे कहा, “राजनीति में गुस्सा, ईर्ष्या, द्वेष, व्यक्ति विशेष पर टिप्पणी और उनसे बदला लेने की भावना की कोई जगह नहीं है। हम आशा करते हैं कि वह अपनी कही हुई बातों पर अपनी ही समझदारी दिखाते हुए जरूर पुनर्विचार करेंगे, क्योंकि वह कांग्रेस पार्टी के एक मजबूत योद्धा रहे हैं।
” सुप्रिया के अनुसार, “अमरिंदर सिंह जी को कांग्रेस पार्टी ने 9 साल, 9 महीने मुख्यमंत्री बनाया है। उनको राजिंदर कौर भठ्ठल जी की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया था। मुझे ऐसा लगता है कि उनका अनुभव, सार्वजनिक जीवन में उनका योगदान देखते हुए इस तरह की बातें उनके कद के अनुरूप नहीं हैं।”