भारतीय जनता पार्टी के प्रचार साहित्य विभाग के सह प्रभारी विकास प्रीतम सिंह ने बुधवार (जून 30, 2021) शाम सोशल मीडिया के जरिए मोदी सरकार से मांग करते हुए कहा की, मस्जिदों में पांच बार पढ़ी जाने वाली अरबी के इस्तेमाल पर रोक लगाई जानी चाहिए, मस्जिद में अरबी की जगह हिंदी का अनुवाद होना चाहिए। उन्होंने मस्जिदों में अज़ान पढ़ने के लिए अरबी के साथ-साथ भारतीय भाषाओं के इस्तेमाल के लिए मोदी सरकार और मुस्लिम मौलवियों से अपील की है।
विकास प्रीतम सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, “देश की लाखों मस्जिदों से दिन में 5 बार अरबी भाषा में सुनाई जाने वाली अजान इस देश के करोड़ों गैर अरबी लोगों को समझ नहीं आती है। अतएव सरकार एवं मुस्लिम इंतजामिया से निवेदन है कि अजान के महत्व और खासियत से सभी को परिचित करवाने के लिए इसका हिन्दी अनुवाद भी मस्जिदों से बजना चाहिए।”
बता दें कि मार्च 2021 में मस्जिदों से लाउडस्पीकर से अजान पर रोक लगाने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि अजान इस्लाम का आवश्यक एवं अटूट अंग है, लेकिन लाउडस्पीकर से अजान धर्म का आवश्यक हिस्सा नहीं है। कई अदालतों के आदेश में कहा गया है कि अधिकारियों को ध्वनि प्रदूषण के कारण धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों के उपयोग को प्रतिबंधित करना सुनिश्चित करना चाहिए।
मस्जिद में लाउडस्पीकर पर लगा प्रतिबंध
मार्च 2021 मे गोवा में लाउडस्पीकर पर अजान देने पर प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं कर्नाटक में राज्य वक्फ बोर्ड ने रात 10 बजे से सुबह 5 बजे के बीच मस्जिदों और दरगाहों पर लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसी तरह झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर कर सड़क पर नमाज पढ़ने और माइक से अजान देने पर रोक लगाने की माँग भी की गई थी।