बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दोनों सदनों की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने से गुस्साए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “आज प्रधानमंत्री सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए विपक्ष को दोष दे रहे हैं। क्या भाजपा वो दिन भूल गई जब यूपीए सरकार के कार्यकाल में उसके नेता सदन में हंगामा करते थे। फिर भाजपा के नेता सदन में अपने हंगामे को यह कहकर जस्टिफाई करते थे कि इसके जरिए वो लोकतंत्र की रक्षा कर रहे हैं।”
मल्लिकार्जुन खड़गे ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान कहा पीएम को सबक सिखाने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के पास यह कहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है कि विपक्ष संसद की कार्यवाही में बाधा पहुंचा रहा है। जब कांग्रेस सत्ता में थी तब विपक्ष द्वारा बार-बार बाधा डालने के चलते दो सत्र में कोई भी चर्चा नहीं हो पाई थी। उस वक्त तो भाजपा के बड़े नेताओं का कहना था कि सदन कार्यवाही रोककर वो, लोकतंत्र की रक्षा कर रहे हैं।
खड़गे ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश की स्वतंत्रता, संविधान और लोकतंत्र की खातिर सभी राजनीतिक दलों को एकजुट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष पेगासस जासूसी मामले समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करना चाह रही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी गरीबों की समस्या को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसलिए उन्होंने विभिन्न दलों से राष्ट्रहित में क्षेत्रीय राजनीति को भूलने की बात कही है।
गौरतलब हो की 19 जुलाई से शुरू हुए इस मॉनसून सत्र में विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हो-हल्ले के बीच राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही कई बार बाधित हुई है। जिसके चलते मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा संसदीय दल की बैठक में विपक्ष पर आरोप लगाया था कि वह सदन को ठीक ढंग से चलने नहीं दे रहा है।