अपने विवादित बयानों और कारनामों के कारण हमेशा सुर्खियों में रहने वाले बिहार के जदयू विधायक गोपाल मंडल एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। इस बार जदयू विधायक अपनी ही सरकार को कोरोना नियमों पर जारी दिशा निर्देशों को लेकर ठेंगा दिखाते दिख रहे है। दरअसल, जदयू विधायक अपने कुछ समर्थको के साथ मंदिर में जल चढ़ाने पहुंचे थे। जहां उन्हें मंदिर के प्रमुख द्वार पर ही रोक लिया गया। जिस पर गुस्साए विधायक ने मंदिर प्रबंधक को जमकर धौंस दिखाई।
जानिए क्या है पूरा मामला
मंगलवार सुबह जदयू विधायक अपने कुछ सहयोगियों के साथ भागलपुर के जहाज घाट से गंगा स्नान कर कांवर में जल भरकर पैदल भोलेनाथ का जयकारा लगाते हुए जल चढ़ाने बुढ़ानाथ मंदिर पहुंचे। इस दौरान जिला प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार बुढ़ानाथ मंदिर का मुख्य दरवाजा बंद मिला, जिसके बाद विधायक जी मंदिर प्रबंधन के लोगों को अपना दबंगई दिखाना शुरू किए और मुख्य दरवाजा खोलने को कहा, गेट नहीं खोलने पर विधायक नाराज हो गये। उन्होंने दरवाजा को काफी देर तक झकझोरा। इसके बावजूद गेट नहीं खोला गया। इससे नाराज विधायक पास में स्थित शिवलिंग पर जल चढ़ाकर लौट गये।
विधायक ने बताया कि मंदिर में चोरी-छिपे पूजा करायी जाती है। विधायक पूजा करने आते हैं तो रोक दिया जाता है। जमादार रौब में बात करता है। अगर पूजा में नहीं होते तो उसका तैशगिरी ही निकाल देते। उन्होंने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि उनके आने से मंदिर खुल जायेगा। स्थानीय दारोगा से भी बात की गयी थी तो उन्होंने कहा कि वह मंदिर खुलवा देंगे। मंदिर प्रबंधक को भी कहा था कि उसे अंदर जाने दें। वह शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ायेंगे। फिर भी विधायक को रोका गया।