पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की हिंदु-मुसलमानों की एकता वाले बयान ने काफी तुल पकड़ा था जिसके बाद मायावती, ओवैसी , सपा समेत खुद उनकी पार्टी के लोगो ने ही उनका विरोध किया था। अब एक बार फिर इस मुद्दे को हवा मिल गई है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर भागवत के बयान पर टिप्पणी की है।
उन्होंने कहा है कि हिंदू और मुस्लिम (Hindu-Muslim DNA) का अगर डीएनए एक है तो फिर धर्म परिवर्तन कानून की क्या आवश्यकता है। लव जिहाद कानून की क्या जरूरत है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मोहन भागवत और ओवैसी का डीएनए एक ही है। वहीं, उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्र में मंत्री बनने के लिए बधाई दी है।
दरअसल, दिग्विजय सिंह बुधवार की रात सीहोर के रविंद्र भवन में आयोजित सर्व धर्म प्रार्थना सभा में भाग लेने पहुंचे थे। यहां उन्होंने कोरोना महामारी में दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की है और मीडिया से रूबरू होते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि, अगर हिन्दू और मुस्कामानी का DNA एक है तो धर्म परिवर्तन क़ानून की क्या आवश्यकता है, लव ज़िहाद क़ानून की क्या आवश्यकता है? फिर तो मोहन भागवत और ओवैसी का DNA भी एक ही हुआ।
वहीं, दिग्विजय सिंह ने कुछ मंत्रियों के इस्तीफे को लेकर कहा कि मंत्रिमंडल में कौन रहे या नहीं, यह निर्णय पीएम करते हैं। इस पर मैं टिप्पणी नहीं करूंगा। स्वास्थ मंत्री अच्छे व्यक्ति हैं, लेकिन उनका कार्यकाल उल्लेखनीय नहीं है। रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर अच्छे मंत्री माने जाते थे। इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब हिंदू और मुस्लिम का डीएनए एक है तो लव जिहाद कानून की जरूरत क्या है।
गौरतलब हो की दिग्विजय सिंह ने इससे पहले कहा था की, अगर आप अपने व्यक्त किए गए विचारों के प्रति ईमानदार हैं तो बीजेपी में वे सब नेता, जिन्होंने निर्दोष मुसलमानों को प्रताड़ित किया है, उन्हें उनके पदों से तत्काल हटाने का निर्देश दें। शुरूआत नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ से करें। मोहन भागवत जी यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद/ बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदीशाह जी और बीजेपी के मुख्यमंत्री को भी देंगे?