पैगानगरी के किसानों के दिलों में विद्युत विभाग के अधिकारियों के लिए इतना गुस्सा कई घटनाओं से दबा हुआ था। खेत पर गन्ना बोने के लिए बाइक से जाने के दौरान किसान विजय कुमार की हाईटेंशन लाइन के तार की चपेट में आकर मौत हुई तो किसानों का गुस्सा एकाएक बाहर आ गया।
इसलिए किसानों ने शव रखकर करीब दो घंटे तक बरेली-दिल्ली हाईवे मार्ग जाम रखा। घटना के बाद ग्रामीणों ने सप्लाई बंद करने के लिए फोन किया लेकिन एक घंटे बाद कर्मचरियों ने शट डाउन लिया। इससे ग्रामीणों का और आक्रोश भड़का था। हाईवे पर दोनों तरफ करीब तीन किलोमीटर तक जाम लगने से पुलिस प्रशासन पर दबाव बन गया।
पुलिस की सख्ती पर ग्रामीण भड़क गए। किसानों के प्रदर्शन, विद्युत विभाग के विरुद्ध मुर्दाबाद की नारेबाजी देख मीरगंज, शाही व फतेहगंज पश्चिमी के थानों का भी फोर्स मंगा लिया गया था। हंगामे के बीच पथराव से लेकर लाठियां फटकारने तक का पूरा घटनाक्रम चला। यदि पुलिस लाठियां नहीं फटकारती तो मामला और बढ़ सकता था।
सख्ती के चलते ही हजारों लोगों को मुश्किलों से राहत मिली। परिजनों ने विद्युत अधिकारी-कर्मचारियों पर पुलिस कार्रवाई करने व मुआवजा दिलाने की मांग की, जिस पर एसडीएम कमलेश कुमार ने विद्युत विभाग के कर्मचारियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज होने व मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया।
अन्नदाताओं के खेतों पर मौत लटक रही, कई बार हुए हादसे
अन्नदाताओं के खेतों पर मौत लटक रही है। दिन में तीन बार हाईटेंशन लाइन के तार टूटकर गिर रहे हैं। कई बार हादसे हो चुके हैं। पैगानगरी क्षेत्र में अब तक तारों की चपेट में आकर चार ग्रामीणों की पहले भी मौत हो चुकी है।
ग्रामीणों का कहना है कि 10 साल से जर्जर तारों के बदलने की मांग उठा रहे हैं लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारी नहीं सुनते हैं। कई जानवरों की जान जा चुकी है। हाल ही में तार के गिरने से धान की तीन बीघा की फसल भी जल गयी।