20 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के आरोपों के बीच सोनू सूद ने तोड़ी चुप्पी, कहा- समय आने दो…समय ही बताएगा

हाल ही में सोनू सूद के यहां चली आयकर विभाग की छापेमारी के कारण अभिनेता अपने घर से बाहर नजर नहीं आए थे। इस बीच खबर आई कि आयकर विभाग को सोनू सूद के अकाउंट्स से 20 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के सुराग मिले हैं। हालांकि, इन खबरों को सोनू सूद ने सिरे से नकार दिया है। एक टीवी चैनल मैं अपने एक इंटरव्यू के दौरान सोनू सूद ने 20 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के आरोप को निराधार बताते हुए खुद को बताया कानून का संरक्षक।

सोनू सूद ने अपने बयान में कहा- जो भी अधिकारियों को चाहिए था या जिसकी जरूरत थी, हमने उन्हें वो सब दिया और भविष्य में भी जिन कागजातों की उन्हें जरूरत होगी, वो सब उन्हें हम देंगे। मैं अपने देश के सिस्टम का बहुत सम्मान करता हूं। मैं देश के कानून को मानने वाला नागरिक हूं और मैं ये सुनिश्चित करता हूं कि अगर रात में भी उन्हें किसी चीज की जरूरत होगी, तो वो मैं उन्हें मुहैया कराऊंगा।

इतना ही नहीं, अपने एक अन्य बयान में सोनू सूद ने आयकर विभाग की कार्यवाही पर ये बात भी कही थी कि हमेशा आपको अपनी तरफ की स्टोरी बताने की जरूरत नहीं होती। यह अपने आप ही सब टाइम बताएगा। बता दें आयकर विभाग ने सोनू सूद के खिलाफ कथित कर चोरी मामले में मुंबई, नागपुर, जयपुर सहित 6 ठिकानों पर छापेमारी की थी। जिसके बाद आयकर विभाग ने बयान जारी कर सोनू सूद पर विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के उल्लंघन का भी आरोप लगाया था।

उधर, इस तलाशी अभियान को लेकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा है कि सोनू के खिलाफ 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। सीबीडीटी ने कहा है कि अभिनेता और उनके सहयोगियों के परिसरों की तलाशी के दौरान, कर चोरी से संबंधित आपत्तिजनक साक्ष्य मिले हैं। सीबीडीटी ने कहा कि अभिनेता ने फर्जी संस्थाओं से फर्जी और असुरक्षित ऋण के रूप में बेहिसाब पैसे जमा किए थे। 

वहीं आयकर विभाग ने कहा कि सूद ने FCRA कानून का उल्लंघन करते हुए विदेशी दानदाताओं से एक क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग कर ₹ 2.1 करोड़ जुटाए हैं CBDT ने कहा कि आयकर विभाग ने मुंबई में अभिनेता के विभिन्न परिसरों में और बुनियादी ढांचे के विकास में लगे लखनऊ स्थित औद्योगिक समूह में छापेमारी और जब्ती अभियान चलाया। सीबीडीटी के मुताबिक मुंबई, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, दिल्ली, गुरुग्राम समेत कुल 28 परिसरों पर लगातार तीन दिनों तक छापेमारी की गई थी।

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