पिछले कुछ सालो से अमेरिका की चीन के साथ चल रही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) प्रतिस्पर्धा में अमेरिका पीछे रह गया है। इस बात की जानकारी खुद अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन में वरिष्ठ अधिकारी रहे निकोलस चैलान ने दी है। उन्होंने कहा है की अमेरिका आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की जंग में चीन से हार गया है। जिसका जिम्मेदार उन्होंने अमेरिकी सेना में तकनीकी परिवर्तन की गति धीमी गति को बताया है।
37 साल के चैलान ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया है। बता दें वह पेंटागन के अब तक के पहले चीफ सॉफ्टवेयर ऑफिसर (Chief Software Officer) के पद पर थे।चैलान ने कहा कि वह आने वाले हफ्तों में अमेरिकी कांग्रेस में चीनी साइबर खतरे को लेकर गवाही देंगे। निकोलस चैलान ने बताया कि चीन मीडिया नैरेटिव से लेकर भू-राजनीति तक सबकुछ नियंत्रित करते हुए भविष्य पर हावी होने के लिए तैयार है।
उन्होंने इसके लिए धीमे इनोवेशन, एआई पर सरकार के साथ काम करने के लिए गूगल जैसी अमेरिकी कंपनियों की अनिच्छा और तकनीक की नैतिकता पर होने वाली व्यापक बहस को जिम्मेदार ठहराया है। चैलान ने कहा कि चीनी कंपनियां अपनी सरकार के साथ काम करने के लिए बाध्य हैं और नैतिकता की परवाह किए बिना एआई में ‘भारी निवेश’ कर रही हैं (US China Coflict)। जबकि अमेरिका के कुछ सरकारी विभागों में साइबर सुरक्षा ‘किंडरगार्डन स्तर’ पर ही हैं।
पश्चिमी देशों के खुफिया आकलन के अनुसार, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन के एक दशक के भीतर कई प्रमुख उभरती तकनीक, विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सिंथेटिक बायोलॉजी और जेनेटिक्स के क्षेत्र में हावी होने की संभावना है। वहीं अमेरिकी वायु सेना विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी वायु सेना के सचिव फ्रैंक केंडल ने चैलान के इस्तीफे के बाद विभाग के भविष्य के सॉफ्टवेयर विकास के लिए उनकी सिफारिशों पर चर्चा की और उनके योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है।