केंद्र की मोदी सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मस और ओटीटी प्लेटफार्मस के लिए नई गाइडलाइन जारी की ताकि इसका दूरउपयोग न हो सके. सरकार का ये कदम प्रशंसनीय है.
सरकार के इस कदम से इन दोनो ही मंचो की सीमा तय होगी जो काफी जरूरी है. ऐसा नहीं है कि इन मंचो का उपयोग सही के लिए नहीं हुआ है. सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मस ने हमें बहुत कुछ सिखाया भी है पर इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि इनका दुरउपयोग भी हुआ जो नहीं होना चाहिए.
ओटीटी प्लेटफार्मस पर कुछ कंटेट ऐसे सामने आते रहते है जिसका हमारे समाज की युवा पीढ़ी पर गलत असर पड़ता है और भला कौन चाहेगा की युवा जो हमारे देश का भविष्य है वो कुछ ऐसा सीखे जो उनके लिए अच्छा न होगा. सोशल मीडिया ने आज के आधुनिक युग में सूचनाओं के संचार में क्रांति लाई है तो इसके दुरउपयोग के भी खिस्से अकसर सामने आते रहते है.
अफवाह, गलत तथ्य और कई ऐसी चिजे जो नहीं होनी चाहिए उन पर ही लगाम लगाने के लिए सरकार ने अब सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मस के लिए सख्त कानून बनाए है. सरकार के इस कदम से पार्दर्शिता भी आएगी जो आज के इस आधुनिक युग में काफी जरूरी है.