आज से ठीक एक साल पहले यानि 23 मार्च 2020 वो तारीख जिस दिन देश में कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन की शुरूआत हुई थी. पिछले साल आज ही के दिन के बाद लोगों को अपने घर पर रहने को मजबूर होना पड़ा था. कोरोना महामारी से लोगों को अवगत हुए अब एक वर्ष से अधिक हो गया है और इन एक वर्षो में जिंदगी काफी बदल गई है.
मास्क, सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए है जो कि अच्छी बात है. कोरोना को हराने के लिए ये वर्तमान की मांग है. कोरोना के कारण लोगों को इस वर्ष काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा तो वहीं लोगों ने काफी कुछ सीखा भी.
लोगों को आर्थिक नुकसान हुआ, नौकरी गंवानी पड़ी और मांसिक तनाव का सामना करना पड़ा. इसके साथ ही लोगों ने ये सीखा भी की जीवन में पैसे की बचत करना बहुत जरूरी है क्योकि पैसों की दिक्कत कभी भी आ सकती है.

लॉकडाउन में जब आज से एक वर्ष पूर्व जब सबकुछ बंद था तो सबसे ज्यादा जो प्रभावित हुए वे थे दिहाड़ी मजदूर. वे लोग जिनका छोटा व्यापार था यानि रेडड़ी – पटरी वाले. छोटे दुकानदार इन लोगों को काफी परेशानी हुई. अब अगर आज की बात करे तो कोरोना महामारी का दौर अभी भी चल रहा है.
कोरोना एक बार फिर पिछले 10 दिनों से अपने पुराने रंग में लौटने लगा है. कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे है जिसने फिर एक बार देश के कई शहरों में लॉकडाउन लगाने को वहां की सरकारों को मजबूर कर दिया है.
कोरोना की वैक्सीन भी आ गई है पर ये तो अब समक्ष में एक तरह से सभी के आ ही गई है कि वैक्सीन तो कोरोना का इलाज है ही पर कोरोना के नियमों का पालन ही कोरोना को जड़ से समाप्त करने का एक तरीका है. पिछले एक वर्षो में काफी कुछ बदला है और इस बदलाव ने लोगों को काफी कुछ सिखाया है.