राष्ट्रपति चुनाव को लेकर इन दिनों विपक्ष पूरी तरह से तैयारियों में जुटा हुआ है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी द्वारा दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में विभिन्न विपक्षी पार्टियों के प्रमुखों की मीटिंग बुधवार को बुलाई गई थी जिससे आम आदमी पार्टी और टीआरएस ने किनारा कर लिया। दरअसल, आम आदमी पार्टी ने कहा कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुने जाने के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा।
वह टीआरएस की ओर से कोई भी इस बैठक में शामिल नहीं हुआ। बात अगर बुधवार को विपक्षी पार्टियों की हुई बैठक की करें तो ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई इस बैठक में 15 दलों के नेता शामिल हुए जहां इन सभी नेताओं का ममता बनर्जी ने स्वागत किया। हालांकि आम आदमी पार्टी और टीएमसी के संबंध सुदूर हैं लेकिन टीएमसी प्रमुख और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी द्वारा राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर उम्मीदवार चयन को लेकर बुलाई गई बैठक में आम आदमी पार्टी का शामिल ना होना कुछ बातों की ओर इशारा करता है।
दरअसल राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि आम आदमी पार्टी का इस बैठक में शामिल ना होने की एक वजह ये भी हो सकती है कि आम आदमी पार्टी खुद को बीजेपी के विकल्प के तौर पर देख रही है। पार्टी द्वारा लगातार इस बात का प्रचार भी किया जा रहा है कि बीजेपी का एक ही विकल्प है और वह आम आदमी पार्टी। वही तेलंगाना के सीएम केशव चंद्र राव भी राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी को कड़ी चुनौती देने के लिए शक्तिशाली गठबंधन बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
इसके साथ ही खबर है कि ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई मीटिंग में बीजेडी,अकाली दल और कई दूसरे दलों के नेता भी शामिल नहीं हुए। आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर इन दिनों गहमागहमी जारी है। भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए जहां राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कड़ी मेहनत कर रही है तो विपक्ष भी लगातार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए लगातार चर्चा कर रहा है। एनडीए द्वारा भी राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर अभी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है।ReplyForward
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