पंजाब कांग्रेस मे कलह लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अमरिंदर और सिद्धू के बीच जारी तनातनी अब कांग्रेस विधायको तक पहुंच चुकी है। इसी के मद्देनजर कांग्रेस के 10 विधायक कैप्टन के समर्थन में आ चुके है। जिस मे हरमिंदर सिंह गिल, फतेहजंग सिंह बाजवा, गुरप्रीत सिंह जीपी, कुलदीप वैद, बलविंदर लाडी, संतोख सिंह भलाईपुर, जोगिंदरपाल भोआ के साथ AAP छोड़कर कांग्रेस में आए सुखपाल सिंह खैहरा, पिरमल सिंह खालसा, जगदेव सिंह कमालू शामिल हैं।अमरिंदर सिंह के समर्थन मे आए विधायको ने रविवार को बयान जारी कर नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से माफी मांगने को कहा है। उन्होंने कहा कि कैप्टन के पंजाब कांग्रेस में योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सिद्धू के ट्वीट और इंटरव्यू में लगाए आरोपों से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है।उनका कहना है कि, “पंजाब में कांग्रेस के झगड़े से पार्टी का ग्राफ गिरा है। 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार यानी आतंकवाद के दौर के बाद कैप्टन की वजह से ही कांग्रेस यहां सरकार बन सकी थी। पंजाब के हित के लिए ही कैप्टन ने सांसद और मंत्री पद से इस्तीफा दिया था।विधायक सुखपाल खैहरा ने कहा कि कांग्रेस में चल रहा झगड़ा खत्म होना चाहिए। कैप्टन बड़े नेता हैं और उनकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता। हम सिद्धू के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सरेआम पार्टी पर आरोप लगाना ठीक नहीं है। इससे पार्टी को नुकसान हुआ। प्रधान कोई भी बने हमें मंजूर है, लेकिन यह माहौल खत्म होना चाहिए।”वहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह भी सिद्धू की माफी पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है की जिस तरह की बयानबाजी नवजोत सिंह सिद्धू ने मीडिया या फिर अपनी रैली के दौरान सार्वजनिक होकर की ठीक उसी तरह सार्वजनिक होकर सिद्धू को माफी मांगनी होगी। इस वजह से अभी तक कांग्रेस में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि आखिर कांग्रेस को कौन लीड करेगा?